
हाइट बढ़ने का सीधा संबंध हड्डियों के विकास (स्केलप्टल ग्रोथ) से जुड़ा होता है। शरीर की हड्डियों के अंत में एफिफाइसिल ग्रोथ प्लेट होती है जो बढ़ती रहती है। बीस साल की उम्र के बाद ये प्लेट फ्यूज हो जाती है यानि ग्रोथ बंद हो जाती है। इसी के साथ लंबाई बढ़ने का सिलसिला बंद हो जाता है। ऐसे में चौदह साल की उम्र तक हाइट में बड़ा अंतर दिख रहा है तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर इलाज करवाएं।
समय से पहले ऐसे पहचानें
चबी चाइल्ड उम्र के हिसाब से छोटे नजर आते हैं और गोल मटोल दिखते हैं। बच्चे की हाइट मां-बाप की हाइट पर निर्भर करती है। माता-पिता की हाइट कम है तो बच्चे की हाइट बहुत अधिक नहीं बढ़ सकती है। अगर बच्चा माता-पिता की हाइट के बराबर भी नहीं है या उस हिसाब से नहीं बढ़ रहा है तो बिना देर किए डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
ग्रोथ हॉर्मोन थैरेपी हाइट बढ़ाने में कारगर
ग्रोथ हॉर्मोन थैरेपी हाइट बढ़ाने में कारगर है। ये इंजेक्टेबल थैरेपी है जिसकी डोज वजन, स्वास्थ्य संबंधी समस्या और बॉडी रिस्पॉन्स के आधार पर तय किया जाता है। ये थैरेपी पूरी तरह सुरक्षित है और जितनी जल्दी शुरू हो उतना बेहतर रहता है। लड़कियों में माहवारी शुरू होने और लड़कों में प्यूबेरिटी आने के बाद हाइट बढऩा थोड़ा मुश्किल होता है। माहवारी शुरू होने के बाद औसतन अधिक से अधिक 5 से 6 सेमी. जबकि लड़कों में 6 से 7 सेमी. हाइट बढ़ सकती है।
जांचें जिनसे पता चलता क्यों नहीं बढ़ रही हाइट
हाइट नहीं बढ़ रही है तो आइजीएफ-वन, थॉयराइड और पोषक तत्त्वों से संबंधित जांचें करवाई जाती हैं। इससे भी कुछ पता नहीं चलता है तो पीयूष ग्रंथि की एमआरआई जांच करवाते हैं जिससे कई कारणों के बारे में सटीक जानकारी मिलती है। जिन बच्चों को बार-बार संक्रमण होता है। खांसी जुकाम-बुखार और दस्त की शिकायत होती है तो उसका सीधा असर उसकी हाइट पर भी पड़ता है।
पाउडर और कैप्सूल से नहीं बढ़ती है हाइट
हाइट बढ़ाने के लिए किसी भी तरह का पाउडर और कैप्सूल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जिम जाते हैं तो सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल नहीं करें। इससे कई बार लड़कों के छाती में उभार आ जाता है। जबकि लड़कियों में कई तरह की दूसरी समस्याएं हो सकती हैं।
डॉ. बलराम शर्मा, हार्मोन रोग विशेषज्ञ, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर
Updated on:
28 Oct 2019 03:17 pm
Published on:
28 Oct 2019 03:16 pm
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