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देश में तीन तरह से तैयार हो रही है कोरोना की वैक्सीन, जल्द आ सकती है परीक्षण चरण तक

locationजयपुरPublished: Jun 04, 2020 12:26:30 am

Submitted by:

Mohmad Imran

कोरोना महामारी में हर्ड इम्युनिटी विकसित होने का इंतजार जोखिम भरा, सभी देशों को रहना होगा तैयार

देश में तीन तरह से तैयार हो रही है कोरोना की वैक्सीन, जल्द आ सकती है परीक्षण चरण तक

देश में तीन तरह से तैयार हो रही है कोरोना की वैक्सीन, जल्द आ सकती है परीक्षण चरण तक

नोवेल कोरोना वायरस के कुछ देशों में दूसरी लहर की आशंका के बीच भारत के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक शेखर मंडे ने कहा कि जो लोग कोरोना के प्रति आबादी में हर्ड इम्यूनिटी विकसित होने का इंतजार कर रहे हैं वे संक्रमण के जोखिम को बढ़ावा दे रहे हैं। सभी देशों को जनसंख्या में हर्ड इम्यूनिटी विकसित का इंतजार करने की बजाय समय रहते ठोस कदम उठाने की जरुरत है। गौरतलब है कि हर्ड इम्यूनिटी तब विकसित होती है जब देश की आबादी का अधिकांश हिस्सा किसी संक्रामक बीमारी के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली हासिल कर लेता है। क्योंकि वे संक्रमित होकर उपचार या टीकाकरण के बाद फिर से ठीक हो जाते हैं। जब ऐसा होता है तो संक्रमण के अन्य लोगों में फैलने की संभावना कम होती है क्योंकि अभी पर्याप्त वाहक नहीं हैं।
देश में तीन तरह से तैयार हो रही है कोरोना की वैक्सीन, जल्द आ सकती है परीक्षण चरण तक
मांडे ने कहा कि हर्ड इम्यूनिटी तक काम करती है जब किसी देश की 60-70 प्रतिशत आबादी प्रभावित हुई हो और किसी भी राष्ट्र के लिए यह बहुत बड़ा जोखिम है। इसलिए हमें पहले से ही तैयार रहना होगा। उन्होंने कोविड-19 की दूसरी लहर की भी आशंका जताई है।

तीन तरह से बन रही देसी वैक्सीन
मांडे ने कहा कि कोरोना वायसरस के खिलाफ लड़ाईमें सीएसआइआर ने पंच-आयामी तरीका अपनाया है। इसमें निगरानी, निदान, नए उपचार के नए तरीके खोजकर रोगी की जान बचाना, अस्पताल के सहायक उपकरणों और आपूर्ति श्रृंखला मॉडल का विकास करना और सप्लाई चेन मॉडल प्रमुख हैं। वहीं देसी वैक्सीन केबारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि हम तीन अलग-अलग तरीकों से वैक्सीन तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं। पहली एक इम्यून बूस्टिंग वैक्सीन है जो संक्रमित की प्रतिरक्षा में सुधार करता है। यह फिलहाल देश में तीन अलग-अलग स्थानों में परीक्षण के अधीन है और अगले 15 दिनों में परिणाम आने की उम्मीद है। इसके अलावा मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है जिसे सीएसआईआर ने नेशनल सेंटर फॉर सेल साइंस, पुणे (एनसीसीएस), आईआईटी इंदौर और भारत बायोटेक की मदद से तैयार कर रहा है। वहीं तीसरी वैक्सीन कॉनवैल्सेंट प्लाज्मा थेरेपी है जिसका परीक्षण कोलकाता में चल रहा है।
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