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Coronavirus को खत्म करने के लिए ‘हर्ड इम्युनिटी’ होगी मददगार साबित, जानिए क्या है ये

locationनई दिल्लीPublished: Mar 31, 2020 02:54:50 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

Highlights-herd immunity ही एकमात्र कारगर हथियार है जिससे जानलेवा वायरस को फैलने से रोका जा सकता है- herd immunityसामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो कोरोना वायरस का मुकाबला किया जा सकता है-सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता किसी भी महामारी का स्वाभाविक सह उत्पाद है

Coronavirus को खत्म करने के लिए ‘हर्ड इम्युनिटी’ होगी मददगार साबित, जानिए क्या है ये

Coronavirus को खत्म करने के लिए ‘हर्ड इम्युनिटी’ होगी मददगार साबित, जानिए क्या है ये

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus in india) की चपेट में आझ पूरा देश आ चुका है। इसके चलते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 14 अप्रैल तक लॉकडाउन (Lockdown) करवा दिया। एेसे में जरूरी है आफ खुद अपनी सेहत का ध्यान रखें। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर हमें ऐसे फ्रूट, ड्राइफ्रूट्स व सलाद खाने की सलाह देते है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी बढ़ाने वाले हों। इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन की रिपोर्ट के अनुसार एक बार जब लोग दोबारा घरों से बाहर निकलेंगे तो संक्रमण दोबारा जकड़ सकता है। ऐसे में हर्ड इम्युनिटी (herd immunity) (सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता) ही एकमात्र कारगर हथियार है जिससे जानलेवा वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक लोगों में हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो कोरोना वायरस का मुकाबला करने में आसानी हो सकती है।
सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता किसी भी महामारी का स्वाभाविक सह उत्पाद है। यानी महामारी के फैलने के साथ ही अपने आप हर्ड इम्युनिटी विकसित हो जाती है। ब्रिटेन के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार सर पैट्रिक वैलेंस ने हाल ही दुनिया को वायरस से बचने के लिए हर्ड इम्युनिटी अपनाने की सलाह दी थी। यह चिकित्सा विज्ञान की पुरानी पद्धति है। वैलेंस ने ब्रिटेन की 60% आबादी को कोरोना से संक्रमित होने देने सुझाव दिया था।
जानिए क्या है herd immunity

जब किसी जगह पर लोगों को किस भयानक बीमारी से लड़ने के लिए बड़ी संख्या में वैक्सीन दी जाती है तो इससे बाकी लोगों में उस महामारी के फैलने का खतरा कम हो जाता है। जिन्हें उस महामारी की वैक्सीन नहीं लगी है या फिर वैक्सीन नहीं दी जा सकती, उन्हें भी यह बीमारी अपनी चपेट में कम ले पाती है। इसे ही हर्ड इम्युनिटी या सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता कहते हैं।

इन बीमारियों में हर्ड इम्युनिटी कारगर

पोलियो, चेचक और खसरा से दुनिया की लगभग पूरी आबादी इम्युन हो चुकी है। अधिकांश बच्चों में पोलियो वैक्सीन पहुंचने के बाद शेष हर्ड इन्युनिटी के कारण ही बच गए।प्रख्यात अर्थशास्त्री स्वामीनाथन अय्यर का कहना है कि भारत को भी हर्ड इम्युनिटी की जरूरत है। सामाजिक दूरी के जरिये हमें वायरस को मात देने में लंबा समय लगेगा। ‘मुझे डर लग रहा है कि हम सब संक्रमित हो जाएंगे और हर्ड इम्युनिटी से दूर रह जाएंगे।’

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