
hMPV infection in China
hMPV infection in China : hMPV ठंड के मौसम में सर्दी-जुकाम और खांसी के मामलों में वृद्धि होना आम बात है, लेकिन इस बार एक नई चुनौती उभर रही है। लोगों को लंबे समय तक हल्की खांसी की शिकायत हो रही है, जो बाद में चेस्ट इंफेक्शन का रूप ले रही है। यह स्थिति सामान्य है या किसी नए वायरस का संकेत, यह जानना बेहद जरूरी हो गया है।
ह्यूमन मेटानिमोवायरस (hMPV) पहली बार 2001 में पहचाना गया था। यह वायरस रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है और निमोनिया जैसे गंभीर संक्रमण भी पैदा कर सकता है।
छोटे बच्चे, बुजुर्ग, और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग इस वायरस से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। बच्चों में इसके संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा देखा गया है।
इस वायरस के संपर्क में आने के 3-6 दिनों के भीतर निम्नलिखित लक्षण दिख सकते हैं:
लगातार खांसी
हल्का या तेज बुखार
बंद नाक
सांस लेने में तकलीफ
गंभीर संक्रमण का संकेत
कई मामलों में यह संक्रमण ब्रोंकाइटिस या निमोनिया का रूप ले लेता है। फेफड़ों में पानी भरने जैसी स्थिति होने पर इलाज और भी जटिल हो सकता है।
संक्रमण के मुख्य कारण
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। निम्नलिखित गतिविधियां संक्रमण का जोखिम बढ़ा सकती हैं:
खांसी-जुकाम वाले मरीज के पास रहना
संक्रमित सतहों को छूने के बाद मुंह, नाक या आंखों को छूना
बीमार व्यक्ति की देखभाल करना
रोकथाम ही है सबसे अच्छा इलाज
hMPV वायरस का अभी तक कोई निश्चित इलाज नहीं है। ऐसे में रोकथाम ही सबसे प्रभावी उपाय है।
हाथों की सफाई: साबुन से 20 सेकंड तक हाथ धोएं।
स्वच्छता बनाए रखें: घर और आसपास की जगह को साफ रखें।
बीमार लोगों से दूरी: संक्रमित व्यक्ति के पास जाने से बचें।
सावधानी से खांसी और छींकें: मुंह और नाक को ढककर खांसी करें।
बीमारी होने पर क्या करें?
यदि आपको खांसी-जुकाम है, तो घर पर ही आराम करें। डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक न लें।
चीन में केवल hMPV ही नहीं, बल्कि कोविड-19, इंफ्लूएंजा ए, और माइकोप्लाज्मा निमोनिया के मामलों में भी तेजी देखी गई है।
इन स्थितियों को देखते हुए भारत में सावधानी बरतना आवश्यक है। हर साल ठंड के मौसम में वायरल संक्रमण बढ़ता है, लेकिन सतर्कता से ही इनसे बचा जा सकता है।
सावधानी रखें, सतर्क रहें
hMPV वायरस के बढ़ते खतरे को नजरअंदाज न करें। ठंड में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और किसी भी लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से सलाह लें। साफ-सफाई और स्वच्छता ही बचाव की पहली शर्त है।
Updated on:
03 Jan 2025 04:56 pm
Published on:
03 Jan 2025 04:47 pm
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