
home and natural remedies for Asthma
नई दिल्ली। दमा होने पर श्वास नलियों में सूजन होकर श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है। ब्रॉनकायल टयूब्सके माध्यम से हवा फेफड़ों के अन्दर और बाहर जाती है और अस्थमा में यह वायुमार्ग सूजे हुए रहते हैं। जब यह सूजन बढ़ जाती है और वायुमार्ग के चारों ओर मांसपेशियों के कसने का कारण बनती है और साँस लेने में कठिनाई के साथ खाँसी, घरघराहट और सीने में जकड़न जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
ऐसे मैं आपको हमेशा डॉक्टर या फिर विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपचार बता रहे हैं। जो आपके अस्थमा की समस्या को कम कर सकते हैं ।साथ ही इन घरेलू नुस्खों का किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं है।
अस्थमा के घरेलू उपचार के लिए मरीजों को कुछ सामान्य बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. दमा के मरीज को बारिश और सर्दी और धूल भरी जगह से बचना चाहिए।
2. बारिश के मौसम में नमी के बढ़ने से संक्रमण बढ़ने की संभावना होती है।
ज्यादा ठण्डे और ज्यादा नमी वाले वातावरण में नहीं रहना चाहिए, इससे अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं।
3.घर से बाहर निकलने पर मास्क लगा कर निकलें।
4.सर्दी के मौसम में धुंध में जाने से बचें।
ताजा पेंट, कीटनाशक, स्प्रे, अगरबत्ती, मच्छर भगाने का कॉइल का धुआँ,
5. खुशबुदार इत्र से जितना हो सके बचे।
धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों से दूर रहें।
इसके अलावा जीवनशैली और आहार में बदलाव लाने पर इन दमा के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
6.अस्थमा के मरीजों को आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। पालक और गाजर का रस अस्थमा में काफी फायदेमंद होता है।
Updated on:
04 Nov 2021 09:22 am
Published on:
04 Nov 2021 09:21 am
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