9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आयुर्वेद : माइग्रेन व साइनस की समस्या का अचूक उपाय, हाइ बीपी वाले न करें

आयुर्वेद से … शरीर के शोधन के लिए षट्कर्म किया जाता है। जलनेति भी इसका ही हिस्सा है, लेकिन इसे वीडियो देखकर नहीं बल्कि विशेषज्ञ की देखरेख में करना चाहिए योग में षटकर्म बताए गए हैं जो शरीर का शोधन करते हैं।

2 min read
Google source verification
Permanent Solution for Migraine and Sinus

Permanent Solution for Migraine and Sinus

आयुर्वेद से … शरीर के शोधन के लिए षट्कर्म किया जाता है। जलनेति भी इसका ही हिस्सा है, लेकिन इसे वीडियो देखकर नहीं बल्कि विशेषज्ञ की देखरेख में करना चाहिए योग में षटकर्म बताए गए हैं जो शरीर का शोधन करते हैं। इनमें से एक है जलनेति। इससे नाक की सफाई होती है।

ऐसे होती यह शोधन क्रिया

इसके लिए एक पात्र आता है जिसमें गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालते हैं। इस पानी को नाक के एक छिद्र से डालते हैं और दूसरे छिद्र से गिरने देते हैं। इस दौरान गर्दन टेढ़ी रखनी होती है। इस दौरान मुंह से सांस लेते हैं।

जलनेति के बाद न भूलें ये काम

जलनेति करने के दौरान पानी की कुछ बूंदें नाक के किसी हिस्से में न रह जाएं इसके लिए सांस को जोर-जोर से बाहर छोड़ते हैं। जोर से सांस छोडऩे से नासिका मार्ग में रुकी पानी की बूंदें बाहर निकल जाती हैं।

यह भी पढ़ें - Acidity की दवा से बढ़ सकता है Migraine का खतरा, विशेषज्ञों की चेतावनी

कई बीमारियों में मिलती है राहत

सिरदर्द, माइग्रेन, साइनोसाइटिस, एलर्जी, सांस की समस्या, अस्थमा, साइनस, सांस संबंधी कोई बीमारी, आंख की रोशनी कम होने की समस्या के साथ अनिद्रा समस्या में भी यह कारगर है।

ध्यान देने योग्य

पानी में नमक की मात्रा ज्यादा न हो। सोशल मीडिया पर वीडियो देखकर न करें। विशेषज्ञ की देखरेख में ही शुरू करें। पहले सीखें, फिर करें।
ये बिल्कुल न करें : बुखार के दौरान इस क्रिया से बचना चाहिए। हाल ही जुकाम हुआ है तो भी नहीं करें। नकसीर और हाइ बीपी वाले को भी जलनेति नहीं करनी चाहिए।
कितने दिन में करें जलनेति : मरीज की स्थिति के अनुसार ही करनी चाहिए। किसी मरीज को हफ्ते में एक बार तो किसी को 15 दिनों में करने की सलाह दी जाती है।

  • डॉ. गुंजन गर्ग, आयुर्वेद विशेषज्ञ