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कैसे पता चले कि डायबिटीज है या नहीं, ऐसे समझें जाँच रिपोर्ट्स को

शु गर की जांच दो तरह से होती है। पहला फास्टिंग है जो सुबह नाश्ते से पहले किया जाता है जबकि दूसरा पीपी होता है जिसको खाने के दो घंटे बाद किया जाता है।

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कैसे पता चले कि डायबिटीज है या नहीं, ऐसे समझें जाँच रिपोर्ट्स को

कैसे पता चले कि डायबिटीज है या नहीं, ऐसे समझें जाँच रिपोर्ट्स को

शु गर की जांच दो तरह से होती है। पहला फास्टिंग है जो सुबह नाश्ते से पहले किया जाता है जबकि दूसरा पीपी होता है जिसको खाने के दो घंटे बाद किया जाता है। सामान्य व्यक्ति का फास्टिंग ब्लड शुगर 70-100 एमजी/डीएल के बीच, खाने के बाद (पीपी) 140 से कम और एचबीए1सी 5.7 से कम होता है। इससे ज्यादा होने पर प्री डायबिटीज की श्रेणी में आता है।
प्री डायबिटीज
प्री डायबिटीज में फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज 100-125 एमजी/डीएल के बीच और खाने के बाद (पीपी) 140-199 तक और एचबीए1सी 6.4 है तो खतरा बढ़ गया है। यह प्री डायबिटीज की श्रेणी है। एक्सपर्ट की मानें तो प्री डायबिटीज की श्रेणी में आने के बाद भी व्यक्ति अपना खानपान और हैल्दी लाइफ स्टाइल को अपनाकर डायबिटीज की श्रेणी में जाने से बच सकता है।
डायबिटीज की श्रेणी में
जिन लोगों का फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज (एफबीजी) 125 एमजी/डीएल से अधिक और खाना खाने के बाद की जांच (पीपी) 200 एमजी/डीएल से अधिक। वहीं तीन महीने की जांच एचबीए1सी का लेवल 6.4 से अधिक हो जाता है तब रोगी में डायबिटीज की पुष्टि होती है। इसके बाद से मरीज को तत्काल अपने डॉक्टर से संपर्क कर इलाज करवाना चाहिए।