ट्रायल प्रक्रिया के प्रमुख जांचकर्ता, ई. वेंकट राव ने सूचित किया कि कई स्वयंसेवकों को कोवैक्सिन दी गई है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक एक गहन स्क्रीनिंग प्रक्रिया और कई टेस्ट के अधीन हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा प्रथम एवं द्वितीय चरण की प्रक्रियाओं के लिए चुने गए 12 केंद्रों में एसयूएम अस्पताल भी शामिल है। कोवैक्सिन का विकास भारत बायोटेक, आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (एनआईवी) के साथ मिलकर कर रही है। कोरोना रोधी वैक्सीन कोवैक्सिन का ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल यहां एक संस्थान में सोमवार को शुरू हो गया। अब इस वैक्सीन की ट्रायल कई चरणों में किया जाएगा । इसक बाद फाइनल नजीजों पर पहुंचा जाएगा ।