जयपुरPublished: Aug 25, 2020 08:38:04 pm
विकास गुप्ता
कान से कम सुनाई देता है या सुनने की क्षमता प्रभावित होने के साथ कई घंटों तक चक्कर भी आ रहे हैं। तो इसकी एक वजह कान के अंदरूनी भाग में एंडोलिम्फ पदार्थ का बढऩा भी हो सकता है।
Human ear – Endolymph and perilymph
यदि आपको कान से कम सुनाई देता है या सुनने की क्षमता प्रभावित होने के साथ कई घंटों तक चक्कर भी आ रहे हैं। तो इसकी एक वजह कान के अंदरूनी भाग में एंडोलिम्फ पदार्थ का बढऩा भी हो सकता है। इसे एंडो-लिम्फेटिक हाइड्रोप्स या मिनीयर्स रोग भी कहते हैं। एंडोलिम्फ का दबाव बढऩे से कई समस्याएं पैदा होने लगती हैं।
कारण : एंडोलिम्फ पदार्थ का स्तर बढ़ना
यह ज्यादातर 30-60 वर्ष की उम्र में होता है। इसका कारण वायरल व अन्य संक्रमण, सिर पर चोट लगना, धूम्रपान, जेनेटिक व कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता आदि हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में आंतरिक कान में मौजूद तरल पदार्थ एंडोलिम्फ का स्तर व दबाव बढ़ जाता है। कई मामलों में इस समस्या का स्पष्ट कारण पता नहीं चल पाता।
लक्षण : सुनने में समस्या
चक्कर आना, कम सुनाई देना, टिनिटस (कान में सीटी जैसी आवाज आना) व कान में भारीपन रहने जैसे लक्षण महसूस होते हैं। कभी भी अचानक चक्कर आ सकते हैं जो अधिकतर आधे घंटे से एक दिन तक रहते हैं। इसके साथ उल्टी व पसीने आना जैसे लक्षण भी होते हैं। सुनने में आई कमी का स्तर बदलता रहता है। कभी कम सुनाई देता है तो कभी ज्यादा। शोर के प्रति संवेदना भी असामान्य हो जाती है। कुछ लोग इस रोग में पूरे होश में होते हुए भी अचानक से गिर जाते हैं। फिर तुरंत ही ठीक महसूस कर खुद ही खड़े भी हो जाते हैं। ऐसा दस फीसदी मामलों में होता है। इसे ड्रोप या टुमरकीन अटैक कहते हैं। इसमें मरीज भ्रम में रहता है और खुद को ठीक महसूस करता है।
उपचार : नमक कम लें
सुनने की क्षमता जांचने के लिए ऑडियोमेट्री जांच करते हैं। खाने में नमक की मात्रा सीमित कर एल्कोहल, तंबाकू, कैफीन से दूरी बनाए रखने की सलाह देते हैं। चक्कर आने की समस्या में एंटीवर्टिगो दवा दी जाती है। फिजियोथैरेपी और कुछ विशेष व्यायाम वेस्टीबुलर रिहेबिलिटेशन में सहायक होते हैं।