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स्वास्थ्य

पटाखों से झुलसे सैकड़ों लोग पहुंचे अस्पताल

मिंटो और विक्टोरिया सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने कई मरीजों का उपचार किया। शुक्रवार और शनिवार को मिंटो अस्पताल में सामने आए करीब 21 गंभीर मरीजों में 40 फीसदी बच्चे थे।। चिकित्सकों के अनुसार नौ लोगों की आंशिक दृष्टि चली गई है।

बैंगलोरNov 04, 2024 / 06:41 pm

Nikhil Kumar

Diwali fireworks
-घायलों में बड़ी संख्या में बच्चे

बेंगलूरु.

Bengaluru में में दीपावली Deepavali के दौरान पटाखों Fireworks के कारण सैकड़ों लोग जख्मी हो गए। इनमें बड़ी संख्या में बच्चे थे। कई घायलों की आंशिक दृष्टि चली गई है। कुछ ने शायद हमेशा के लिए अपनी दृष्टि खो दी है। मिंटो और विक्टोरिया सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने कई मरीजों का उपचार किया। शुक्रवार और शनिवार को मिंटो अस्पताल में सामने आए करीब 21 गंभीर मरीजों में 40 फीसदी बच्चे थे।। चिकित्सकों के अनुसार नौ लोगों की आंशिक दृष्टि चली गई है।
कनकपुर में पटाखे फोड़ते समय एक पांच वर्षीय बच्चे को गंभीर चोट लग गई। उसे अस्पताल लाया गया, जहां उसकी दाहिनी आंख में कॉर्नियल टियर, आईरिस प्रोलैप्स और टोटल हाइफेमा (आंखों में खून भरना) था। चिकित्सकों ने बताया कि अस्पताल में अब तक दो बच्चों की बड़ी सर्जरी हो चुकी है, जबकि सात अन्य की छोटी-मोटी सर्जरी हुई है। बाकी बच्चों को कंजर्वेटिव ट्रीटमेंट दिया गया है।शंकर आई अस्पताल ने दीपावली के दिन शुक्रवार को दो गंभीर मामले देखे जबकि शनिवार को 12 मामले सामने आए। गंभीर रूप से घायल मरीजों में एक सात वर्ष का बच्चा भी था।
नारायण नेत्रालय ने 31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक अकेले 55 मरीजों का उपचार किया। इनमें 27 बच्चे और 28 वयस्क थे। 27 बच्चों में से 12 की उम्र 10 वर्ष से कम जबकि 15 पीड़ितों की उम्र 10 से 18 वर्ष थी। 55 मरीजों में से 19 मरीज पटाखे जलाते समय जख्मी हुए। 36 लोग या तो आसपास मौजूद थे या फिर वहां से गुजर रहे थे। चार मरीजों को सर्जरी की जरूरत पड़ी। 8 बच्चों और 9 वयस्कों को गंभीर चोट लगी।अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. रोहित शेट्टी ने बताया कि महालक्ष्मी लेआउट की 12 वर्षीय लड़की को शनिवार दोपहर बाईं आंख में गंभीर चोट लग गई। वह एक बुलेट बम जला रही थी और बम उसके चेहरे पर फट गया। उसकी आंखों में खून भर गया। उपचार के बाद वह चिकित्सकों की निगरानी में है।
दूसरे मामले में हाथ में सुल्ती बम फटने से एक एक 10 वर्षीय लड़की की आंख में गंभीर चोट लग गई। आपातकालीन उपचार के बाद उसकी हालत बेहतर है।तीसरे मामले में सड़क पर चल रहे एक किशोर को उड़ते हुए पटाखे के मलबे से चोट लग गई। उसकी कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो गई और आंख के अंदरूनी हिस्से से खून बहने लगा। उसका सीटी स्कैन किया जा रहा है।
बच्चों के साथ लक्ष्मी बम फोड़ रहे एक 30 वर्षीय व्यक्ति की बायीं आंख में चोट लग गई। जख्मी हालत में अनंतपुर से अस्पताल लाया गया। लेकिन उसकी एक आंख की रोशनी वापस आने की संभावना नहीं है।डॉ. शेट्टी ने बताया कि इनमें से कई चोटों को सरल सुरक्षा उपायों से रोका जा सकता था। सुरक्षात्मक चश्मा पहनना और सुरक्षित दूरी बनाए रखना बहुत बड़ा अंतर ला सकता है।

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