
Depression causes and prevention
छोटा-मोटा तनाव हमारे जीवन में होना आम बात है। लेकिन जब यह लगातार बढ़ने लगता है और स्थिति नियंत्रण के बाहर हो जाती है। तो यह हमारे दिमाग और शरीर दोनों पर विपरीत प्रभाव डालता है। यही तनाव आगे चलकर अवसाद यानी Depression का कारण बन जाता है और हमारे लिए बहुत घातक होता है।
थोड़ा तनाव भी जरूरी-
थोड़ा बहुत स्ट्रेस हमारे जीवन का हिस्सा होता है। यह हमारे लिए फायदेमंद भी होता है। क्योंकि हम किसी भी काम को करने में अपनी जिम्मेदारी बरतते हैं। लेकिन जब यह तनाव अधिक और अनियंत्रित हो जाता है। तो यह हमारे दिल और दिमाग सहित पूरे शरीर पर भी विपरीत प्रभाव डालता है। ऐसे में व्यक्ति हमेशा तनावग्रस्त रहता है और वह लंबे समय तक तनावग्रस्त रहने के कारण तनाव ग्रस्त जीवन जीने का ही आदि भी हो जाता है। हालात या हो जाते हैं कि उसे तनाव नहीं हो तो भी तनाव होता है।
डिप्रेशन का कारण-
डिप्रेशन के कई कारण होते हैं। कई बार हमारे जीवन में कोई बड़ा हादसा, संघर्ष, पारिवारिक समस्या, आर्थिक समस्या, हार्मोन में आए बदलाव, थायराइड, प्रसव, रजोनिवृत्ति, मौसम में परिवर्तन आदि के कारण भी व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। कई लोगों को प्रतिस्पर्धा के इस युग में काम धंधे और नौकरी के कारण भी अत्यधिक तनाव होने से डिप्रेशन की समस्या हो जाती है।
जानकारी के अनुसार हमारे दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर होते हैं। जो विशेष रूप से सेरोटोनिन, डोपामाइन, नोरेपाइनफिरिन होते हैं। जो खुशी और आनंद की भावनाओं को प्रभावित करते हैं। लेकिन अवसाद की स्थिति में यह असंतुलित हो जाते हैं। जिससे व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है।
डिप्रेशन के लक्षण-
डिप्रेशन से प्रभावित व्यक्ति हमेशा उदास रहता है। स्वयं उलझन में और अपने आपको हारा हुआ महसूस करता है। विश्वास की कमी रहती है। किसी भी कार्य को करने में अपना ध्यान एकाग्र नहीं कर पाता है। परिवार एवं भीड़ वाली जगह से दूर रहता है। अपने आप को लोगों से दूर रखना अकेला रहना पसंद करता है। खुशी के वातावरण में भी वह उदास नजर आता है। हमेशा चिड़चिड़ा रहता है। बहुत कम बोलता है। हमेशा बेचैन रहना और चिंता में डूबे हुए नजर आना। निर्णय लेने में की क्षमता कमजोर होना। हमेशा भ्रम की स्थिति में रहना। अस्वस्थ भोजन की इच्छा और बहुत गुस्सा आना। हर समय कुछ बुरा होने की आशंका जैसी स्थिति से घिरे रहता है।
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डिप्रेशन से बचने के घरेलू उपाय-
डिप्रेशन से बचने के लिए व्यक्ति को भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करना चाहिए। पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना चाहिए। जिसमें शरीर के लिए सभी प्रकार के प्रोटीन, विटामिन, खनिज हो। हरी पत्तेदार सब्जियां और मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए। चुकंदर का सेवन जरूर करना चाहिए। इसमें काफी मात्रा में पोषक तत्व होते हैं।जो डिप्रेशन के रोगी का मूड बदलने में मददगार होते हैं । भोजन में ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें। इसमें उचित मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं। डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को अस्वस्थ भोजन और अधिक भोजन करने की प्रवृत्ति होती है। इसलिए जितना हो सके जंक फूड और बासी भोजन से बचना चाहिए। भोजन में सलाद टमाटर का सेवन करें।क्योंकि टमाटर में लाइकोपीन नामक एंटी ऑक्सीडेंट होता है। जो अवसाद से लड़ने में मदद करता है। एक जानकारी के अनुसार अगर सप्ताह में चार छह बार आप टमाटर खाते हैं। तो सामान्य की तुलना में कम अवसाद ग्रस्त होते हैं। जंक फूड का सेवन नहीं करें। अधिक चीनी और अधिक नमक नहीं खाएं। किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए।
जीवनशैली में करें बदलाव-
तनावग्रस्त व्यक्ति को अपनी जीवनशैली बेहतर रखना चाहिए। परिवार और दोस्तों के साथ अधिक समय बिताना चाहिए। व्यायाम, ध्यान, योग आदि को दिनचर्या में शामिल करें। सुबह उठकर सैर करने जाएं। मेडिटेशन करें। दिमाक को शांति प्रदान करने वाली जगह पर जाएं। मधुर संगीत और सकारात्मक विचार से युक्त किताबें पढ़ें। स्वयं सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहे और अकेले रहने की आदत से बचे।
Published on:
16 Jun 2021 02:04 pm
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