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इनोवेशन: आइआइटी-बीएचयू के पूर्व छात्रों ने बनाई ऐप जो गर्भवती महिलाओं की करेगा मदद

पूर्व छात्रों ने 'आइ मम्ज' नाम का जो हैल्थ ऐप विकसित किया है उसे पूरे भारत में स्वास्थ्य वर्ग में दूसरा स्थान हासिल हुआ है। ऐप वैज्ञानिक तरीके से सप्ताह वार गर्भावस्था और भ्रूण के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देता है।

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जयपुर

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Mohmad Imran

Sep 09, 2020

इनोवेशन: आइआइटी-बीएचयू के पूर्व छात्रों ने बनाई ऐप जो गर्भवती महिलाओं की करेगा मदद

इनोवेशन: आइआइटी-बीएचयू के पूर्व छात्रों ने बनाई ऐप जो गर्भवती महिलाओं की करेगा मदद

नोवेल कोरोना वायरस (Novel Corona Virus) से लडऩे के लिए जहां भारतीय वैज्ञानिक पूरी मेहनत से वैक्सीन (Corona Vaccine) बनाने में जुटे हुए हैं। वहीं भारत के युवा आइआइटी इंजीनियर और वैज्ञानिक कोरोना के माहौल में गर्भवती महिलाओं के लिए भी खास तकनीक विकसित कर रहे हैं। ताकि वे अपना और बच्चे का पूरा खयाल रख सकें। एक ऐसी ही ऐप (Health App) बनाई है आइआइटी-बीचएयू (IIT-BHU, Varanasai) के दो पूर्व छात्रों ने जो गर्भवती महिलाओं (Pregnent Women) की मदद करती है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आइटी विभाग के दो पूर्व छात्रों रवि तेजा और मयूर धुरपते ने 'आइ मम्ज' (iMumz) नाम का जो हेल्थ ऐप विकसित किया है वह गर्भवती महिलाओं को गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य और गर्भावस्था की सप्ताह वार पूरी जानकारी देता है। इस ऐप का महत्त्व इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे प्रतिष्ठित 'आत्मनिर्भर भारत एप नवाचार' प्रतिस्पर्धा में पूरे भारत में स्वास्थ्य वर्ग में दूसरा स्थान हासिल हुआ है। ऐप की खासियत यह है कि यह वैज्ञानिक तरीके से यूजर को सप्ताह वार गर्भ और उसमें पल रहे भ्रूण के स्वास्थ्य के बारे में न केवल जानकारी देता है बल्कि स्वस्थ्य बच्चे और सुरक्षित डिलिवरी के लिए विकल्प और उपाय भी सुझाता है।

प्रेग्रेंसी डिप्रेशन से करता सावधान
'आइ मम्ज' नाम का यह ऐप गर्भावस्था के दौरान महिलाओं से जुड़ी सभी जरूरी चिकित्सकीय, भावनात्मक और शारीरिक बदलाव के बारे में बताता है। साथ ही गर्भावस्था से जुड़े खतरों के बारे में भी आगाह करता है। इस ऐप को बनाने के लिए रवि और मयूर ने मल्टीनेेशनल आइटी कंपनी की आकर्षक वेतन वाली नौकरी भी छोड़ दी। उनका कहना है कि ९ से ५ की नौकरी में वे अपने काम पर फोकस नहीं कर पाते। उन्होंने नौकरी छोडऩे के बाद अपना पूरा समय और काबिलियत सिर्फ इस ऐप को बनाने में लगा दी ताकि उन महिलाओं को डिजिटली चिकित्सकीय परामर्र्श दे सकें जो ग्रामीण क्षेत्र में हों या अपनी प्रेगनेंसी को लेकर चिंतित हों।

तीन साल की मेहनत का नतीजा
रवि और मयूर ने विश्वविद्यालय में रहते हुए साल 2017 में इस ऐप पर काम शुरू किया था। उन्होंने अपने गुरू राजेश जगासिया के निर्देशन में इस ऐप को बनाया जो एक वरिष्ठ वरिष्ठ मेडिटेशन कोच और अनुभवी चीफ एक्सपीरिंयस ऑफिसर ट्रेनर हैं। इस ऐप को पूरे भारत में स्वास्थ्य श्रेणी में प्रतिष्ठित आत्मनिर्भर भारत ऐप इनोवेशन चैलेंज के तहत लॉन्च किया जा रहा है।

ऐप से ऐसे मिलेगा फायदा
इस ऐप का उपयोग स्वयं गर्भवती महिला या उसके परिवार को कोई भी सदस्य कर सकता है। ऐप मूल रूप से गर्भावस्था के दौरान सावधानी बरतने औैर स्वस्थ भ्रूण के लिए बनाया गया है। इसके देखभाल फीचर्स में सुरक्षित प्रसव और स्वस्थ बच्चे के लिए तनाव दूर भगाने वाले ध्यान और योगासनों के बारे में बताया है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान पोषण, खान-पान, आहार, बच्चे के साथ मां की बॉन्डिंग कैसे विकसित करें, जरूरी व्यायाम, कैसा संगीत सुनना चचाहिए जैसे सुझाव व सामंजस्य शामिल हैं। ऐप गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न चिकित्सकीय, भावनात्मक, शारीरिक बदलाव और गर्भ से पहले और डिलीवरी के बाद होने वाले अवसाद के बारे में भी जानकारी देता है। इस ऐप को बनाने में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा और एक प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. जयदीप मल्होत्रा ने भी इनपुट दिए थे।

125 डॉक्टर और 20 हजार सवाल
रवि और मयूर ने दावा किया कि हर दिन डॉक्टरों के साथ लाइव सत्र की सुविधा के साथ इस ऐप की मदद से अब तक 125 से अधिक डॉक्टरों ने गर्भवती महिलाओं के 20 हजार से ज्यादा सवालों के जवाब दिए हैं। यह ऐप वर्तमान में हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध है। ऐप इनोवेशन चैलेंज 4 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा शुरू किया गया थाए जिसमें देश भर से 6940 टेक उद्यमियों और स्टार्टअप (Tech Enterpreneurs and Startups) ने हिस्सा लिया था।