
covid-19: मुम्बई में देश के 20-35 फीसदी संक्रमित, लेकिन जांच में एक माह से नहीं आई तेजी
कोरोना वायरस संक्रमितों के मामले में भारत सबसे प्रभावित देशों की सूची में 6ठे स्थान पर है। वहीं देश में कोरोना संक्रमित के कुल 268,125 मामले हैं जिनमें 20 से 35 फीसदी संक्रमण के मामले अकेले मुम्बई में ही हैं। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 70 प्रतिशत मामले सिर्फ मुंबई और पुणे में है। लेकिन, दोनों शहरों में पूरे राज्य का सिर्फ टेस्टिंग का सिर्फ 50 प्रतिशत हिस्सा ही किया जा रहा है। मुंबई और पुणे में बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य विभाग ने भी चिंता जताई है। भारत में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 9,987 नये मामले दर्ज किये गए जो एक दिन में कोविड-19 के नये मामले सामने आने का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
जबकि एक लाख 29 हज़ार 214 लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बीते 24 घंटे में 331 मरीज़ों की कोविड-19 से मौत हुई है। कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक जितने मामले सामने आये हैं, उनमें से कुल 7,466 लोगों की कोविड-19 से मौत हो चुकी है। सरकार के अनुसार देश में अब तक कोविड-19 के 49 लाख 16 हज़ार 116 सैंपलों की जाँच हो चुकी है। बीते 24 घंटे में एक लाख 41 हज़ार 682 सैंपल लिये गए हैं। वहीँ अकेले महाराष्ट्र में 44,384 (एक्टिव मामले) 3,169 (मौतें) 88,528 (संक्रमण के मामले) अब तक सामने आ चुके हैं। इन नये मामलों को जोड़कर, भारत में अब तक268,125 लोगों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है जिनमें से 1 लाख 29 हज़ार 917 फ़िलहाल सक्रिय मामले हैं यानी वो मरीज़ जिनमें संक्रमण के लक्षण अभी दिख रहे हैं।
बावजूद इसके यहां संक्रमण परीक्षण की गति बीते एक महीने से स्थिर बने रहने के मामले में के लिए जांच के दायरे में आया है। करीब एक महीने से प्रतिदिन 4 हजार नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है जबकि संसाधनों की बात करें तो मुम्बई प्रशासन प्रतिदिन 10 हजार से ज्यादा नमूनों की जांच करने की क्षमता रखता है। गौरतलब है कि मुम्बई समेत पूरे महाराष्ट्र में संक्रमण के सकारात्मक मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। हाल ही महाराष्ट्र में कोरोना से एक दिन में अब तक सबसे ज्यादा 122, 139 लोगों की मौत के बाद भी प्रशासन नहीं चेता है।
साइलेंट स्प्रेडर्स की आशंका भी
मार्च की शुरुआत में देश में कोरोना संक्रमित पहला मामला सामने आने के बाद से ही परीक्षण पर बहस चल रही है। क्योंकि जितने अधिक नमूनों के परीक्षण किए जाते हैं उतने ही सकारात्मक रोगी मिलने की संभावना होती है। दरअसल, 80 प्रतिशत से अधिक संक्रमित लोगों में से अधिकांश को स्पर्शोन्मुख यानी 'साइलेंट स्प्रेडर'होने की आशंका होती है। इसका अर्थ है कि ऐसे लोगों में कोविड-१९ वायरस के सामान्य लक्षण प्रदर्शित नहीं होते लेकिन वे वायरस को दूसरों लोगों तक पहुंचाने में सक्षम होते हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा नमूनों की जांच ही एकमात्र उपाय रह जाता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ बुनियादी ढांचे के परीक्षण में तेजी लाने की जरूरत पर जोर दे रहे हैं और अधिक से अधिक लोगों खासकर स्पर्शोन्मुख लोगों का परीक्षण करने की भी सलाह दे रहे हैं।
देश में 20-01 मुम्बई में 03-01 नमूना पॉजिटिव
पूरे देश में यूं तो बीते दो महीनों में नमूनों की परीक्षण संख्या में लगातार सुधार हुआ है। देश में अब हर दिन एक लाख से अधिक नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है। महाराष्ट्र सहित लगभग हर राज्य ने इस दौरान अपनी परीक्षण संख्या में लगातार गति बढ़ाई है। लेकिन मुम्बई यहां भी अन्य शहरों से पिछड़ रहा है। मुम्बई में अब फ्रंटलाइन में काम करने वाले कर्मचारियों के अलावा पुलिसकर्मी और अन्य कोरोना वॉरियर्स भी संक्रमित पाए जा रहे हैं। मुंबई में किए गए प्रत्येक तीन परीक्षणों में से कम से कम एक मामला पॉजिटिव पाया जा रहा है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा बीस में से एक है। अधिकांश अन्य राज्यों में भी राष्ट्रीय संख्या के समान सकारात्मकता दर है।
कहां कितने नमूनों की जांच
मुम्बई के अलावा बात करें केरल की तो यहां भी परीक्षण का रिकॉर्ड बहुत शानदार नहीं रहा है। 4 जून तक, केरल में एक लाख से कम परीक्षण किए गए थे। जबकि असम, हरियाणा और ओडिशा जैसे राज्यों ने इससे ज्यादा नमूनों का परीक्षण किया है। इतना ही नहीं केरल के लगभग आधे परीक्षण मई के पहले सप्ताह में यात्रा प्रतिबंधों में छूट मिलने के बाद पिछले तीन हफ्तों में ही हुए हैं। वहीं महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने इस समय तक लगभग 2.5 लाख नमूनों का परीक्षण किया था। जबकि राजस्थान ने 1.5 लाख से अधिक परीक्षण किए थे। यहां तक कि दिल्ली ने भी करीब एक लाख नमूनों का परीक्षण किया था।
Published on:
09 Jun 2020 07:50 pm
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