
Plantar Keratosis (photo- gemini AI)
Plantar Keratosis: सर्दियों का मौसम शुरू होते ही हमें बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि किसी को अस्थमा है तो उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और अगर किसी को सांस की कोई और बीमारी है तो वह उसका जीना दूभर करने लगती है। लेकिन आम लोगों, यानी जिनके शरीर में ऐसी कोई विशेष बीमारी नहीं है, उनका जीवन भी सर्दियों में आसान नहीं होता है। हमारी स्किन सर्दियों में बहुत ज्यादा संवेदनशील हो जाती है और इसी कारण त्वचा की समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसी ही एक समस्या है प्लांटर केराटोसिस (पैरों के तलवों का सख्त हो जाना)। आश्चर्य की बात यह है कि सर्दियों में यह समस्या ज्यादातर लोगों के साथ होती है, यहां तक कि बच्चों में भी यह समस्या सर्दियों में ज्यादा बढ़ जाती है। आइए डॉ. आदित्य सोनी से जानते हैं कि सर्दियों में यह समस्या इतनी ज्यादा क्यों बढ़ जाती है और इससे बचने के 4 उपाय कौन-कौन से हैं?
प्लांटर केराटोसिस यानी पैरों के तलवों की त्वचा का सख्त और मोटा हो जाना। हम लोग इस समस्या को आम मानकर यह कहते हैं कि अरे! यह तो हर बार होता है, सर्दियों में यह कौन सी बड़ी बात है। लेकिन इसे ऐसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। असल में जब हमारे शरीर के किसी हिस्से पर लगातार दबाव की स्थिति बनी रहती है, तो उस हिस्से की सुरक्षा के लिए वहां की स्किन सख्त और मोटी हो जाती है। आम बोलचाल की भाषा में लोग इसे 'कॉर्न' भी कहते हैं।
सर्दी की ऋतु में ठंडी और सूखी हवाएं ज्यादा चलती हैं, इस कारण हमारे शरीर में नमी की कमी हो जाती है। हमारे तलवों में ऑयली स्किन रखने वाली ग्रंथियां नहीं होती हैं, ऐसे में वहां की त्वचा मोटी होकर सख्त हो जाती है। इसके अलावा दूसरा सबसे बड़ा कारण यह है कि सर्दियों में हम ज्यादातर लंबे समय तक जूते पहनकर रखते हैं और इस वजह से तलवों में दबाव और रगड़ ज्यादा होती है, जिससे वहां की त्वचा सख्त और मोटी हो जाती है।
1. गर्म पानी और नमक के पानी का सेक- डॉक्टर का कहना है कि आपको रोज रात को 10 से 15 मिनट तक हल्के गर्म पानी में नमक डालकर उसमें अपने पैरों को डुबोकर रखना चाहिए। ऐसा करने के बाद हल्के हाथों से प्युमिस स्टोन से रबिंग करें, ज्यादा जोर से न रगड़ें।
2. केराटोलिटिक क्रीम का इस्तेमाल- इस क्रीम को रात को सोने से पहले लगाएं। ध्यान रखें कि इसमें यूरिया (Urea) 20-40% या सैलिसिलिक एसिड (Salicylic acid) 6-12% ऑइंटमेंट होना चाहिए। इसे लगाने के बाद सूती मोजे पहनकर रखें। ऐसा करने से आपको 2 हफ्तों में फायदा मिल जाएगा।
3. प्रेशर कम करें- सॉफ्ट कुशन वाले फुटवेयर्स का प्रयोग करें और ज्यादा देर तक नंगे पांव रहने से परहेज करें।
4. इंफेक्शन से बचना- मॉइस्चराइजर का प्रयोग करें। यदि दर्द और ब्लीडिंग ज्यादा हो, तो खुद से उस स्किन को काटने की कोशिश न करें।
Published on:
17 Dec 2025 03:50 pm
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