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Cervical Cancer Prevention: इस राज्य में फ्री शुरू हुआ सर्वाइकल कैंसर का प्राथमिक इलाज, डॉक्टर से जानें इससे बचने के 4 उपाय

Cervical Cancer Prevention: मध्यप्रदेश राज्य में सर्वाइकल कैंसर की प्राथमिक जांच उपस्वास्थ्य केंद्रों पर शुरू करने के लिए CHO (Community Health Officers) का प्रशिक्षण शुरू हो चुका है। इससे यह तो स्पष्ट होता है कि इस बीमारी का बढ़ना काफी खतरनाक है। आइए, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलजा अग्रवाल से पत्रिका की विशेष बातचीत के आधार पर जानते हैं कि कौन से 4 उपाय अपनाकर आप इससे बच सकती हैं।

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भारत

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Nidhi Yadav

Dec 17, 2025

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Cervical Cancer Prevention (photo-gemini AI)

Cervical Cancer Prevention: WHO के अनुसार, भारत में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला चौथे स्थान का सबसे सामान्य कैंसर है। हाल ही में मध्यप्रदेश में सर्वाइकल कैंसर की प्राथमिक जांच उपस्वास्थ्य केंद्रों पर संभव होने की खबर आई है। इसके लिए नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) ने CHO का प्रशिक्षण भी शुरू कर दिया है। इससे स्थिति की गंभीरता का पता चलता है। आइए डॉ. शैलजा अग्रवाल से समझते हैं कि सर्वाइकल कैंसर क्या है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।

क्या है सर्वाइकल कैंसर? (What is Cervical Cancer?)

सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) का कैंसर है। यह स्थिति तब पनपती है जब सर्विक्स की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और कैंसर कोशिकाओं में बदलने लगती हैं। इसका सबसे प्रमुख कारण HPV (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) इन्फेक्शन है, जो मुख्य रूप से यौन संपर्क से फैलता है। सर्वाइकल कैंसर का पता अक्सर तब चलता है जब इसके लक्षण प्रकट होने लगते हैं, और लक्षण आमतौर पर तब सामने आते हैं जब कैंसर फैलना शुरू हो जाता है।

सर्वाइकल कैंसर से बचने के उपाय (Cervical Cancer Prevention Tips)

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलजा अग्रवाल ने इस खतरनाक कैंसर से बचाव के लिए 4 मुख्य उपाय बताए हैं।

सर्वाइकल कैंसर का टीका (HPV Vaccine)- गर्भावस्था को छोड़कर, 9 वर्ष की आयु के बाद किसी भी उम्र की महिलाएं HPV का टीका लगवा सकती हैं। इससे सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा काफी कम हो जाता है। अक्सर लोग यह सोचते हैं कि यदि एक बार संक्रमण हो जाए तो वैक्सीन काम नहीं करती; यह बात काफी हद तक सही है, लेकिन संक्रमण के बाद भी वैक्सीन लगवाना कई स्थितियों में असरदार हो सकता है। 9 से 45 वर्ष तक की महिलाओं के लिए उनकी आयु के अनुसार वैक्सीन की अलग-अलग डोज निर्धारित की गई हैं।

नियमित स्क्रीनिंग (Screening)- डॉ. शैलजा का कहना है कि महिलाओं को इस स्थिति से बचाना बेहद आवश्यक है, अन्यथा स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकता है। किसी भी बीमारी की शुरुआत हमेशा स्पष्ट लक्षणों से नहीं होती। हमें लगता है कि कोई तकलीफ नहीं है तो बीमारी भी नहीं है, लेकिन सर्वाइकल कैंसर के मामले में नियमित रूटीन चेकअप जरूरी है। इसमें शर्माने या हिचकिचाने की जरूरत नहीं है; डॉक्टर से खुलकर बात करें, चाहे लक्षण दिखें या नहीं।

सुरक्षित यौन संबंध (Safe Sex Practices)- सर्वाइकल कैंसर का सीधा संबंध शारीरिक संबंधों से होता है। डॉक्टर बताती हैं कि यौन संबंध के दौरान सुरक्षा (Safety) का ध्यान रखना आपको इस कैंसर से काफी हद तक बचा सकता है। चूंकि इसका मुख्य कारक HPV संक्रमण असुरक्षित यौन संबंधों से फैलता है, इसलिए सुरक्षा बरतकर इस खतरे को टाला जा सकता है।

एक ही पार्टनर के साथ संबंध- आधुनिक युग और पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में लोग कई बार असावधान हो जाते हैं, लेकिन वे इस बात से बेखबर होते हैं कि यह उन्हें कई बीमारियों का शिकार बना सकता है। आपको अंदाजा नहीं होता कि सामने वाले व्यक्ति को कौन सा संक्रमण हो सकता है। HPV संक्रमण भी इन्हीं में से एक है। इसलिए जितना संभव हो, एक ही पार्टनर के साथ निष्ठावान संबंध बनाना सुनिश्चित करें।