वहीं चिकित्सा बिरादरी और वैज्ञानिक अभी भी इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि क्या कोई वैक्सीन स्थायी रूप से लोगों को कोविड -19 से संक्रमित होने से रोक सकता है या वायरस को खत्म करने या इसका प्रकोप सीमित करने में मदद कर सकता है।
जिस खतरनाक दर से दुनिया में कोरोनावायरस फैल रहा है, उसने दुनिया में संक्रमितों की संख्या 2.2 करोड़ के करीब पहुंचा दी है और 7.74 लाख लोगों की जान ले ली है।
रूस के रक्षा मंत्रालय और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष का कहना है कि स्पुतनिक-5 को पहली बार डॉक्टरों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं कम से कम 20 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है। लेकिन रिपोर्ट्स कुछ और कहती हैं, इनके मुताबिक हर दो में से एक डॉक्टर ने यह टीका लगवाने से इनकार किया है। लगभग 50 प्रतिशत डॉक्टर मानते हैं कि इसे बहुत तेजी से विकसित किया गया है।
डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमेइर ने भी कहा है, “किसी भी वैक्सीन को रोल आउट करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने से पहले विभिन्न परीक्षणों से गुजरना चाहिए।”
भारत में भी वैक्सीन कैंडिडेट्स पर तेजी से काम चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा कि जैसे ही वैज्ञानिक इन्हें हरी झंडी दिखाएंगे हम बड़े पैमाने पर इनका उत्पादन शुरू कर देंगे।
लेकिन इस सबके बाद भी देश-दुनिया के लोगों के मन में यह सवाल बरकरार है कि कब इस घातक वायरस के लिए एक प्रभावी वैक्सीन तैयार होगा?
–आईएएनएस