
1- पानी कम पीना
कम पानी पीने से किडनी व यूरेटर में संक्रमण का खतरा बढ़ता है। पोषकतत्वों के कण यूरिनरी ट्रैक्ट में यूरिन निकलने से रोकते हैं। किडनी में स्टोन की आशंका बढ़ती है। 2-3 लीटर पानी पीना चाहिए।
2- यूरिन रोकने की आदत
सुबह उठते ही फ्रेश होना जरूरी होता है क्योंकि रातभर में यूरेटर यूरिन से भर जाता है। आलस्य करने, यूरिन रोकने से किडनी पर दबाव बढ़ता है। इस आदत से किडनी को नुकसान हो सकता है।
3- अधिक नमक लेना
आहार के जरिए जितना नमक खाते हैं उसका 95 फीसदी किडनी अवशोषित कर लेती है लेकिन ज्यादा नमक या नमकीन चीजें खाने से किडनी का फिल्टरेशन कार्य बढ़ जाता है। इससे किडनी के नेफ्रॉन्स को क्षति पहुंचती है।
4- जंकफूड-सॉफ्ट ड्रिंक
गुर्दों को खराब करने में कुछ आदतें जैसे कम नींद, सॉफ्ट ड्रिंक्स, सोडा, भूखे रहना, तला-भुना या मसालेदार ज्यादा खाना, दूषित भोजन व मांसाहार किडनी के लिए ठीक नहीं माना जाता है।
5- धूम्रपान की लत
ये अप्रत्यक्ष रूप से किडनी पर दबाव बनाते हैं, इनसे फेफड़ों व रक्त नलिकाओं में प्रवाह घटता है। इससे किडनी में रक्त कम पहुंचता है जिससे किडनी के सिकुडऩे की आशंका बढ़ जाती है। इससे फिल्टरेशन की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
6- ब्लड शुगर का बढ़ना
डायबिटीज के करीब 30 फीसदी मरीजों को 15-20 साल बाद किडनी से जुड़ी बीमारी की आशंका होती है। ऐसा ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव से होता है। इसके लिए संतुलित खानपान और स्वस्थ जीवनशैली जरूरी है।
7- दर्द निवारक दवाएं
अनियंत्रित रूप से दर्दनिवारक या किसी अन्य रोग के लिए ली जाने वाली दवा किडनी पर दुष्प्रभाव छोड़ती हैं। इसलिए अपने मन से कोई दवा न लें। किसी भी तरह की दवा लेने से पहले चिकित्सक की परामर्श जरूर लें।
Updated on:
06 Mar 2020 04:41 pm
Published on:
06 Mar 2020 04:26 pm
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