COVID-19: अब इस देश के लोगों को मिली चौथी लहर की चेतावनी स्क्रब टाइफस होने पर कुछ जांचें डॉक्टर्स करवाते हैं। इसमें प्लेटलेट्स काउंट, सीबीसी, लिवर फंक्शन और किडनी फंक्शन टेस्ट करवाई जाती हैं। बीमारी की गंभीरता के आधार पर अन्य जांचें जैसे एलाइजा व इम्यूटी से जुड़े टेस्ट भी करवाते हैं। इसमें मुख्य रूप से ७-१० दिन तक एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं।
सहजन की फली से कंट्रोल होती है डायबिटीज, कुछ इस तरह करें सेवन इलाज में देरी से दूसरे अंगों पर असर
इलाज समय पर न होने से इसका असर ब्रेन, हार्ट, किडनी और फेफड़ों पर भी पड़ता है। मल्टी ऑर्गन फेल्योर का खतरा भी रहता है। सांस लेने में तकलीफ के साथ निमोनिया हो जाता है। मरीज को वेंटीलेटर पर रखना पड़ता है। इसमें देरी होने पर मरीज की जान जाने की आशंका रहती है।
इलाज समय पर न होने से इसका असर ब्रेन, हार्ट, किडनी और फेफड़ों पर भी पड़ता है। मल्टी ऑर्गन फेल्योर का खतरा भी रहता है। सांस लेने में तकलीफ के साथ निमोनिया हो जाता है। मरीज को वेंटीलेटर पर रखना पड़ता है। इसमें देरी होने पर मरीज की जान जाने की आशंका रहती है।
ऐसे करें बचाव
यह ग्रामीण क्षेत्रों में फैलने वाली बीमारी है, क्योंकि इसके कीट खेतों, जंगलों और झाडिय़ों में रहते हैं। यहां पर पिस्सू बड़ी संख्या में रहते हैं। ऐसे में वहां जाने से बचें। यदि जा रहे हैं तो शरीर पर पूरे कपड़े हों। त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए माइट रिपेलेंट क्रीम लगाएं। जिन क्षेत्रों में यह समस्या है वहां प्रिवेंटिव दवा ले सकते हैं।
यह ग्रामीण क्षेत्रों में फैलने वाली बीमारी है, क्योंकि इसके कीट खेतों, जंगलों और झाडिय़ों में रहते हैं। यहां पर पिस्सू बड़ी संख्या में रहते हैं। ऐसे में वहां जाने से बचें। यदि जा रहे हैं तो शरीर पर पूरे कपड़े हों। त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए माइट रिपेलेंट क्रीम लगाएं। जिन क्षेत्रों में यह समस्या है वहां प्रिवेंटिव दवा ले सकते हैं।