
साथ ही इस तरह की दौड़ से 30प्रतिशत से ज्यादा कैलोरी की खपत होती है। ऐसे में वजन तेजी से घटता है। जानें इसके फायदों के बारे में-
वजन घटाने के लिए कोई दिलचस्प एक्सरसाइज करना चाहते हैं तो रेट्रो रनिंग बेस्ट है। इसमें सीधा नहीं बल्कि उल्टी दौड़ लगानी होती है। इससे स्टेमिना बढ़ता है। एकाग्रता व शरीर के संतुलन पर भी उल्टी दौड़ का असर होता है। हाल ही यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ साइंस में हुई रिसर्च के अनुसार सीधी दौड़ के मुकाबले उल्टी दौड़ में मांसपेशियों पर सकारात्मक असर होता है। खासतौर पर पेट की मांसपेशियों पर अलग तरह का प्रभाव पड़ता है। साथ ही इस तरह की दौड़ से 30प्रतिशत से ज्यादा कैलोरी की खपत होती है। ऐसे में वजन तेजी से घटता है। जानें इसके फायदों के बारे में-
घुटनों के दर्द में आती कमी
उल्टी दौड़ में घुटनों पर कम दबाव पड़ता है। ऐसे में जिन्हेें घुटने मोडऩे में तकलीफ हो वे भी ऐसी दौड़ से वर्कआउट कर सकते हैं। इससे शरीर के उन हिस्सों पर दबाव नहीं पड़ता जिनपर सीधा चलते या दौड़ते वक्त चोट लगी थी। अक्सर चोटिल खिलाड़ी इस दौड़ से स्टेमिना बढ़ाते हैं। उल्टा दौडऩे से कमर-गर्दन सीधी रहती है जिससे शरीर का पॉश्चर सही रहता है। पीछे की ओर भागने में ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है जिससे अधिक कैलोरी बर्न होती है।
हृदय के लिए वर्कआउट का अच्छा विकल्प
सीधे दौडऩे की तुलना में उल्टी दौड़ से कार्डियोवेस्कुलर क्षमता और स्टेमिना दोनों में इजाफा होता है। पीछे की ओर दौड़ते समय एक जगह से दूसरी जगह जाना मुश्किल होता है जिसमें ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। हालांकि हृदय से जुड़ी परेशानियां होने पर डॉक्टर की सलाह पर ही उल्टी दौड़ लगानी चाहिए।
जापान और यूरोप में बैकवर्ड रनिंग काफी प्रचलित है और इसे 'रेट्रो रनिंग भी कहते हैं। जापान में लोगों का मानना है कि ऐसा करने से पुरानी जॉगिंग की अपेक्षा तेजी से फैट वर्न होता है। आपके घुटनों पर कम दबाव पड़ता है और इससे ज्वाइंट्स पेन की समस्या नहीं होती। रेट्रो रनिंग के दौरान आंखें आगे की तरफ होने के कारण हम पीछे नहीं देख पाते हैं और इसलिए हमारी महसूस करने की क्षमता बढ़ जाती है। इसलिए उल्टे पांव चलना या दौडऩा सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। इससे हम दिमागी और शारीरिक तौर पर फिट रहते हैं।
Published on:
29 Sept 2017 10:40 pm
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