
Dates nutrition for health|फोटो सोर्स -Gemini@Ai
Dates Benefits: छुआरे यानी डेट्स सिर्फ स्वादिष्ट नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं। लेकिन अक्सर लोग यह कंफ्यूज हो जाते हैं कि काला छुआरा बेहतर है या पीला। दोनों ही अपने-अपने पोषण और फायदे लेकर आते हैं। आइए जानें कौनसा छुआरा आपके स्वास्थ्य के लिए बेस्ट है और इसे सही तरीके से कैसे सेवन किया जा सकता है।
काला छुआरा दरअसल प्राकृतिक रूप से सूखे हुए खजूर होते हैं। इनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा और शुगर तुलनात्मक रूप से कम होती है। यही वजह है कि यह पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देता है।
आयरन से भरपूर होने के कारण काला छुआरा खून की कमी, कमजोरी और थकान में काफी फायदेमंद माना जाता है। नियमित सेवन से हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद मिलती है। यह शरीर को धीरे-धीरे गर्माहट देता है और लंबे समय तक ऊर्जा बनाए रखता है। सीमित मात्रा में लेने पर डायबिटीज से जूझ रहे लोग भी इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
पीले छुआरे स्वाद में ज्यादा मीठे और बनावट में मुलायम होते हैं। इनमें नेचुरल शुगर और कार्बोहाइड्रेट अधिक होते हैं, इसलिए यह तुरंत ऊर्जा देने का काम करते हैं। जो लोग दुबले-पतले हैं, जल्दी थक जाते हैं या बच्चों का वजन बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए पीला छुआरा बेहतर विकल्प माना जाता है।
इसमें मौजूद कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। सर्दियों में इसका सेवन जोड़ों के दर्द और सूजन में भी राहत दे सकता है। इसके अलावा यह त्वचा में निखार लाने और बालों को मजबूत करने में भी सहायक होता है।
अगर आपको खून की कमी, पाचन की समस्या, कमजोरी या इम्यूनिटी कमजोर लगती है, तो काला छुआरा ज्यादा फायदेमंद रहेगा। वहीं वजन बढ़ाने, तुरंत एनर्जी पाने या हड्डियों को मजबूत करने के लिए पीला छुआरा बेहतर माना जाता है। चाहें तो दोनों को सीमित मात्रा में एक साथ भी खाया जा सकता है। आमतौर पर रोज 2–3 छुआरे काफी होते हैं।
छुआरे का सही समय और तरीका जानना बेहद जरूरी है। सबसे अच्छा तरीका यह है कि काले या पीले छुआरे को रात में दूध या पानी में भिगो दें और सुबह नरम होने पर खाएं। इससे पाचन आसान होता है और शरीर को पोषक तत्व जल्दी मिलते हैं।
सर्दियों में दूध में छुआरे उबालकर पीना भी काफी फायदेमंद माना जाता है। यह शरीर को तुरंत गर्माहट और ताकत देता है। ठंड ज्यादा लगना, हाथ-पैर ठंडे रहना या कमजोरी महसूस होना ।इन स्थितियों में यह नुस्खा खासतौर पर असरदार होता है। बच्चों को सप्ताह में दो से तीन बार छुआरे वाला दूध दिया जा सकता है।
जिन लोगों को पित्त की समस्या, शरीर में ज्यादा गर्मी, मुंह में छाले या पेट में जलन की शिकायत रहती है, उन्हें छुआरे बहुत कम मात्रा में लेने चाहिए। रात में सोने से ठीक पहले छुआरे खाने से बचें, क्योंकि इससे पाचन धीमा हो सकता है।सही मात्रा और सही तरीके से लिया गया छुआरा सर्दियों में आपकी सेहत का मजबूत साथी बन सकता है।
Published on:
14 Dec 2025 01:00 pm
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