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पेट फूलना, बार-बार उल्टी आना आंतों में रुकावट के लक्षण

रुकावट छोटी या बड़ी आंत किसी में भी या कहीं भी हो सकती है। इस वजह से हवा और भोजन आगे नहीं बढ़ पाता है।

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Vikas Gupta

Oct 10, 2017

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रुकावट छोटी या बड़ी आंत किसी में भी या कहीं भी हो सकती है। इस वजह से हवा और भोजन आगे नहीं बढ़ पाता है।

रुकावट छोटी या बड़ी आंत किसी में भी या कहीं भी हो सकती है। इस वजह से हवा और भोजन आगे नहीं बढ़ पाता है।

आंतों में रुकावट की समस्या क्या है?
आंतों की रुकावट एक गंभीर स्थिति है जिसमें रुकावट वाली जगह से भोजन व हवा आगे नहीं जा पाते। यह बाधा बड़ी व छोटी दोनों आंतों में आंशिक या पूर्ण और एक या अधिक स्थानों पर हो सकती है।
इस समस्या के लक्षण किस तरह के होते हैं?
आंतों में रुकावट के प्रमुख लक्षण पेट में दर्द, बार-बार उल्टी होना, गैस व मल पास करने में परेशानी, पेट की सूजन या पेट फूलना आदि हैं। ये दिक्कतें रुकावट के स्थान और समय पर निर्भर होती हैं। जैसे छोटी आंत में बाधा का प्रारंभिक लक्षण उल्टी है जबकि पेट फूलना बड़ी आंत में रुकावट की ओर इशारा करता है।
किन कारणों से आंतों में रुकावट आती है?
डाइनेमिक : इसमें आंतों की दीवार के बाहर,इसके ऊपर और अंदर परेशानी होने से रुकावट आती है। आंतों का घुमाव, इसके एक हिस्से का दूसरे हिस्से में घुसना,हर्निया,आंतों के विकार जो कि अक्सर नवजात शिशुओं में लेकिन बच्चों व किशोरों में भी हो सकते हैं जैसी दिक्कतें आंतों की दीवार के बाहर होती हैं। दूसरी वजह टी.बी या कैंसर से इसकी दीवार का सिकुडऩा। आंतों की दीवार में पित्त की थैली के पत्थर, निगलने वाली वस्तुएं,बाल या कीड़ों के गुच्छे और कैंसर या मल की गांठें हैं।
इलिअस : पेट में मवाद या संक्रमण, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन जैसे शरीर में पोटेशियम की कमी, यूरेमिया, कुछ प्रमुख दवाओं के दुष्प्रभाव से इसका कार्य सही से न हो पाना।
रुकावट से कैसी जटिलताएं हो सकती हैं?
आंतों की रुकावट से इलेक्ट्रोलाइट का असंतुलन, किडनी खराब होने, आंतों में छेद या सडऩ होने से ब्लड इंफेक्शन हो सकता है।
परेशानी का उपचार क्या है?
आंशिक रुकावट के लिए इलाज के रूप में दवाएं देते हैं। वहीं डाइनेमिक स्थिति में सर्जरी की जरूरत पड़ती है।