क्या आपको पता है कि अगर आपके शरीर में मैग्निशियम कम होने लगे तो इसके भी गंभीर परिणाम होते हैं। दिल की बीमारी से लेकर बीपी का बढ़ना और फ्रैक्चर आदि होना इसकी कमी से आम हो जाता है। तो चलिए जानें अगर मैग्निशयम शरीर में कम होता है तो उसके क्या लक्षण या स्मस्या शरीर में उभर का सामने आते हैं।
मैग्निशियम की कमी से शरीर में होने वाले नुकसान या दिक्कतें - loss or problems in the body due to lack of magnesium हडि्डयों की गंभीर बीमारी का खतरा- ऑस्टियोपोरोसिस मैग्निशियम की कमी का भी संकेत होता है। हड़डियों की कमजोरी औश्र फ्रेक्चर बार-बार होना मैग्निशियम की कमी को दिखाता है।
मांसपेशियों में क्रेंप्स- muscle cramps
मैग्नीशियम एक इलेक्ट्रोलाइट है जो शरीर की मांसपेशियों के लिए जरूरी है। मैग्निशयम, पोटेशियम और कैल्शियम ले जाकर मांसपेशियों और तंत्रिका कार्य को रेगुलेट करने में मदद करता है। शरीर में जब भी मैग्नीशियम की कमी होती है तब मसल्स या हडि्डयों में मरोड़, क्रेंप्स और दर्दनाक जकड़न की समसस्या समाने आती है।.
मैग्नीशियम एक इलेक्ट्रोलाइट है जो शरीर की मांसपेशियों के लिए जरूरी है। मैग्निशयम, पोटेशियम और कैल्शियम ले जाकर मांसपेशियों और तंत्रिका कार्य को रेगुलेट करने में मदद करता है। शरीर में जब भी मैग्नीशियम की कमी होती है तब मसल्स या हडि्डयों में मरोड़, क्रेंप्स और दर्दनाक जकड़न की समसस्या समाने आती है।.
स्ट्रेस और एंग्जाइटी अटैक- stress and anxiety attacks
मैग्नीशियम की कमी से स्ट्रेस, एग्जाइटी, डिप्रेशन जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। कई बार मानिसक समस्याएं भी इस मिनरल्स की कमी का कारण बनती हैं। दिल पर दबाव- pressure on heart
मैग्नीशियम की कमी से शरीर में ब्लड प्रेशर का दबाव बढ़ता है और इससे दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है। मैग्नेशियम की कमी दिल पर प्रेशर बढ़ाती है। कई बार इसके कारण लो बीपी तो कई बार हाई बीपी की समस्या होती हैं। वहीं ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और इंसुलिन लेवल कंट्रोल होने में भी दिक्कत आती है।
मैग्नीशियम की कमी से स्ट्रेस, एग्जाइटी, डिप्रेशन जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। कई बार मानिसक समस्याएं भी इस मिनरल्स की कमी का कारण बनती हैं। दिल पर दबाव- pressure on heart
मैग्नीशियम की कमी से शरीर में ब्लड प्रेशर का दबाव बढ़ता है और इससे दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है। मैग्नेशियम की कमी दिल पर प्रेशर बढ़ाती है। कई बार इसके कारण लो बीपी तो कई बार हाई बीपी की समस्या होती हैं। वहीं ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और इंसुलिन लेवल कंट्रोल होने में भी दिक्कत आती है।
थकान का अनुभव-feeling tired
मैग्नीशियम की कमी से आपको एनर्जी की कमी महसूस होगी। आपको आराम करने के बाद भी थकावट लगती रहेगी। अगर ज्यादा काम न करने से भी आपको इस तरह का लक्षण दिखाई देता है तो आपको अपने मैग्नीशियम लेवल की अवश्य जांच करानी चाहिए।
मैग्नीशियम की कमी से आपको एनर्जी की कमी महसूस होगी। आपको आराम करने के बाद भी थकावट लगती रहेगी। अगर ज्यादा काम न करने से भी आपको इस तरह का लक्षण दिखाई देता है तो आपको अपने मैग्नीशियम लेवल की अवश्य जांच करानी चाहिए।
सिर में दर्द या माइग्रेन-headache or migraine
बार-बार होने वाले सिरदर्द भी मैग्नीशियम की कमी हो सकती है। मैग्नीशियम की कमी से आपके शरीर में सेरोटोनिन का बनना कम हो जाता है। इससे दिमाग को सही मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता। जब सही से ब्लड का संचार नहीं होता तो सिर में दर्द या माइग्रेन का खतरा बढ़ता है।
बार-बार होने वाले सिरदर्द भी मैग्नीशियम की कमी हो सकती है। मैग्नीशियम की कमी से आपके शरीर में सेरोटोनिन का बनना कम हो जाता है। इससे दिमाग को सही मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता। जब सही से ब्लड का संचार नहीं होता तो सिर में दर्द या माइग्रेन का खतरा बढ़ता है।
नींद का कम आना-sleep deprivation
कई बार लोगों में देखा गया है कि आराम और थकान होने के बावजूद नींद नहीं आती है। मैग्नीशियम की कमी से आपको कम नींद आने लगती है। मैग्नीशियम की कमी से स्ट्रेस हो सकता है, दिल की धड़कने बढ़ सकती है और आपको सोने में मुश्किल आ सकती है।
कई बार लोगों में देखा गया है कि आराम और थकान होने के बावजूद नींद नहीं आती है। मैग्नीशियम की कमी से आपको कम नींद आने लगती है। मैग्नीशियम की कमी से स्ट्रेस हो सकता है, दिल की धड़कने बढ़ सकती है और आपको सोने में मुश्किल आ सकती है।
कब्ज और पाचन में समस्या-Constipation and digestive problems
अक्सर लोगों को यह पता होता है कि डायट में फाइबर की मात्रा होने पर कब्ज की समस्या नहीं होती है। लेकिन अगर पर्याप्त फाइबर के बाद भी कब्ज की समस्या हो रही है तो यह मैग्नीशियम की कमी से भी हो सकता है। पाचन की अधिकतर दवाओं में मैग्नीशियम इसीलिए होता है क्योंकि यह पाचन का सबसे अहम मिनरल है।
अक्सर लोगों को यह पता होता है कि डायट में फाइबर की मात्रा होने पर कब्ज की समस्या नहीं होती है। लेकिन अगर पर्याप्त फाइबर के बाद भी कब्ज की समस्या हो रही है तो यह मैग्नीशियम की कमी से भी हो सकता है। पाचन की अधिकतर दवाओं में मैग्नीशियम इसीलिए होता है क्योंकि यह पाचन का सबसे अहम मिनरल है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।