5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ज्यादातर मसाज से होगा है नुकसान, जानें सही तरीका

आयुर्वेद में अभ्यंग (मालिश या मसाज) के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसे घरेलू पंचकर्म भी कहते हैं।

2 min read
Google source verification
ज्यादातर मसाज से होगा है नुकसान, जानें सही तरीका

ज्यादातर मसाज से होगा है नुकसान, जानें सही तरीका

आयुर्वेद में अभ्यंग (मालिश या मसाज) के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसे घरेलू पंचकर्म भी कहते हैं। लेकिन इसका तरीका पता न होने के कारण लोग मालिश तो करते हैं लेकिन उसका लाभ नहीं मिलता। आयुर्वेद के अनुसार अभ्यंग खाली पेट ही करना चाहिए। भोजन के बाद मालिश से आमदोष बढ़ता है जिससे पाचन क्रिया बाधित होती है। कई बीमारियां हो सकती हैं।
अभ्यंग का सही तरीका
सुबह के समय पेट पूरी तरह से खाली रहता है। इस समय अभ्यंग कराने से तेल अच्छी तरह से अवशोषित होता है। पूरे शरीर को मालिश का लाभ मिलता है। इसलिए सुबह नहाने से पहले का समय सबसे उपयुक्त होता है। शौच के बाद और नहाने से आधा घंटा पहले अभ्यंग रोजाना करना चाहिए। शरीर में ज्यादा तेल नहीं लगाना चाहिए। शरीर के लिए करीब 10-15 एमएल तेल पर्याप्त है। इसे शरीर पर 5-7 मिनट तक अच्छे से मिलाएं। सरसों, तिल या नारियल तेल प्रयोग में ले सकते हैं। सर्दी में गुनगुने व अन्य मौसम में सामान्य पानी से नहाएं। अवशोषित नहीं होता तेल
भोजन के बाद मालिश से शरीर में आमदोष बढ़ता है क्योंकि तेल का सही अवशोषण नहीं हो पाता है। आयुर्वेद में आमदोष को बीमारियां की जड़ कहा गया है। भोजन के करीब 4 घंटे बाद ही मसाज करवाना चाहिए। डिनर के बाद रात में सोते समय सिर में तेल लगा सकते हैं।
अभ्यंग के कई फायदे
नियमित अभ्यंग करने के कई फायदे हैं। जैसे शरीर की इम्युनिटी बढ़ती, सिरदर्द, सर्दी-जुकाम में राहत मिलती, शरीर सुडौल बनता है। वृद्धावस्था में होने वाली बीमारियां जैसे अल्जाइमार और एजिंग का असर कम होता है। ब्लड प्रेशर से भी बचाव होता है। हड्डियां मजबूत होती हैं। रात में अच्छी नींद आती है। अनिद्रा की समस्या में इसे रात में भी प्रयोग कर सकते हैं।
डॉ. सर्वेश कुमार सिंह, पंचकर्म विशेषज्ञ, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान