
Facts about Eye Health
नई दिल्ली। कहा जाता है कि आँखें कुदरत का दिया गया एक अनमोल तोहफा होता है। इन्हीं के मदद से हम दुनिया में किसी भी चीज़ को देखने में सक्षम होते हैं। इसलिए इनकी स्पेशल केयर की जरूरत होती है। आंखों के लिए विटामिन सी युक्त चीजों का सेवन लाभकारी माना जाता है। वहीं आंखों से जुड़े हुए कुछ ऐसे भ्र्म होते हैं जिनको हम सच मान के यकीन कर लेते हैं। तो चलिए आप भी जानिए इन मिथ्स के बारे में।
भ्रम: यदि आप कम रोशनी में पढ़ते हैं तो आंखों की रोशनी खराब हो सकती है
आप बचपन से सुनते आयें होंगें कि कम रोशनी में न पढ़ें क्योंकि इससे आंखों में इफ़ेक्ट पड़ता है। लेकिन ये एक मिथ है। कम रोशनी में पढ़ने से ऐसा जरूर हो सकता है कि शब्द आपको सही से नजर न आएं या आप पढ़ न पाएं। आपको बताते चलें कि जब आप कम लाइट में पढ़ते हैं तो आंखों में प्यूपिल छोटे हो जाते हैं। जो मांपेशियों में प्रेशर डालती हैं कि हमें साफ़ दिखे। वहीं यदि हम ज्यादा रोशनी में पढ़ते हैं तो यही प्यूपिल बढ़ जाती हैं। इसलिए रोशनी का आंखों के कमजोर होने से कोई रिलेशन नहीं है।
भ्रम: लगातार चश्मा पहनने से आंखें कमजोर हो सकती है
ये हो सकता है कि कई बार चश्मे के लगातार लगा के रखने से आंखों में भारीपन सा लग सकता है। लेकिन ये सही नहीं है कि लगातार चश्मा पहनने से आंखें कमजोर हो सकती है। जब भी आप पढ़ने या लिखने बैठते है तो ऐसे में प्रभाव पड़ता है, यदि आपके चश्मा लगा हुआ है और आप नहीं लगाते हैं तो आंखें कमजोर हो सकती है। इसलिए यदि खाली बैठे हैं तो चश्मा का न पहनना चलेगा। लेकिन हमेसा कोशिश करें जब भी कोई कार्य कर रहे हो तो चश्मे का इस्तेमाल जरूर करें। वरना धीरे-धीरे आंखों की रोशनी और कमजोर होती चली जाएगी।
भ्रम: यदि आप पूरे दिन कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने ज्यादा बैठते हैं तो सेहत के लिए अच्छा नहीं है
आपको बताते चलें कि कंप्यूटर या लैपटॉप के यूज़ करने से आंखों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं पड़ता है। लेकिन आपको ज्यादा देर तक काम करना पड़ता है तो ऐसे में आंखों में स्ट्रेस पड़ सकता है। जब भी आप देर तक काम करते हैं तो आप आंखो की पलकों को झपकाना भूल जाते हैं। ऐसे में पलकों में शुष्क पड़ जाती हैं। तो कोशिश करें कि अपनी आंखों की पलकों को आप लगातार झपकाते रहें।
Updated on:
18 Oct 2021 01:12 pm
Published on:
18 Oct 2021 01:10 pm
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