
Symptoms of Monkeypox
New Monkeypox Variant : इस नए वायरस (Monkeypox) ने पूरी दुनिया में स्वास्थ्य विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों को सतर्क कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस खतरे के मद्देनजर एक आपातकालीन बैठक बुलाई है।
कांगो में पाए गए नए मंकीपॉक्स स्ट्रैन (Monkeypox Strains) को clade1b के नाम से जाना जा रहा है, जो पहले से मौजूद स्ट्रैन clade1a से भी ज्यादा खतरनाक है। इस वायरस से संक्रमित मरीजों में से 10 प्रतिशत की जान चली जाती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह स्ट्रैन न केवल कांगो में फैल रहा है, बल्कि इसके पड़ोसी देशों में भी इसके मामले सामने आने लगे हैं। इससे महामारी फैलने की आशंका बढ़ गई है, खासकर उन देशों में जहां स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही कमजोर हैं।
यह वायरस (Monkeypox) मुख्य रूप से उन पुरुषों को प्रभावित कर रहा है जो अन्य पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं, और यह विशेष रूप से यौनकर्मियों के बीच फैल रहा है। हालांकि, वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सामुदायिक स्तर पर एक समग्र रणनीति की आवश्यकता है। WHO ने इस बात पर जोर दिया है कि प्रभावित देशों में सख्त निगरानी की जानी चाहिए, और इसके लिए उन्होंने अमेरिका से 1.5 करोड़ डॉलर की सहायता की भी मांग की है।
मंकीपॉक्स (Monkeypox) का पहला मामला 2022 में लंदन में सामने आया था, जिसके बाद इसे एमपॉक्स (Mpox)का नाम दिया गया। उस समय, मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामलों को अंतरराष्ट्रीय महामारी घोषित किया गया था, और यह 100 से अधिक देशों में फैल गया था। हालांकि, तब के स्ट्रैन की तुलना में कांगो में पाया गया नया स्ट्रैन कहीं ज्यादा घातक है।
मंकीपॉक्स (Monkeypox) के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 3 से 17 दिनों के भीतर दिखने लगते हैं। इनमें बुखार, स्किन में रैशेज, नसों का फूलना, सिर दर्द, बदन में ऐंठन, पीठ में दर्द, ठंडी और थकान जैसे लक्षण शामिल हैं। स्किन पर रैशेज मुख्य रूप से मुंह, हाथ और पैरों में होते हैं। इस बीमारी से बचने के लिए सावधानी बरतना जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जो यौन संबंधों में सक्रिय हैं।
डब्ल्यूएचओ की इमरजेंसी बैठक इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए बुलाई गई है कि क्या मंकीपॉक्स का यह नया स्ट्रैन एक वैश्विक आपदा का रूप ले सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि यह वायरस अफ्रीका से बाहर फैला, तो यह पूरी दुनिया में महामारी का कारण बन सकता है। इसलिए, इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि इस खतरनाक वायरस का प्रसार न हो सके।
Published on:
09 Aug 2024 10:46 am
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