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अध्ययन में दावा-हवा के जरिए फैल रहा कोरोना, सोशल डिस्टेंसिंग पर्याप्त नहीं

locationजयपुरPublished: Jun 14, 2020 12:08:43 am

Submitted by:

Ramesh Singh

कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर शोधकर्ताओं ने चिंता जाहिर की है कि यह वायरस हवा के जरिए फैल रहा है। इसलिए इसकी संक्रामकता दर काफी ज्यादा और तीव्र है। इसलिए इसे काबू नहीं किया जा सका है।

अध्ययन

वाशिंगटन. इस वायरस के प्रसार को लेकर दुनियाभर के तीन प्रमुख केंद्रों में इसकी संक्रामकता का आकलन किया गया। रसायन विज्ञान में 1995 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले मारियो जे मोलिना समेत वैज्ञानिकों ने महामारी के तीन केंद्रों चीन के वुहान, अमरीका में न्यूयॉर्क शहर और इटली में इस संक्रमण की प्रवृत्ति और नियंत्रण के कदमों का आकलन करके कोविड-19 के प्रसार के माध्यमों का आकलन किया गया।

हवा में वायरस का प्रसार सबसे तीव्र
विश्व स्वास्थ्य संगठन लंबे समय से केवल संपर्क में आने से होने वाले संक्रमण को रोकने पर जोर देता रहा है लेकिन यह हवा के जरिए वायरस के प्रसार को अनदेखा करता रहा है। यह अध्ययन पीएनएएस में प्रकाशित हुआ है। इसके मुताबिक हवा के माध्यम से होने वाला प्रसार संक्रामक दर अत्यधिक तीव्र है। सामान्य तौर पर नाक से सांस लेने से विषाणु वाले एरोसोल सांस लेने के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
दावा-इसलिए नहीं हो सकी रोकथाम
शोधकर्ताओं के अनुसार अमरीका समेत अधिकांश देशों में बचाव के लिए सामाजिक दूरी के नियम जैसे अन्य रोकथाम के उपाय पर्याप्त नहीं हैं। अध्ययन से पता चलता है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी को रोकने में विश्व इसलिए नाकाम हुआ क्योंकि उसने हवा के जरिए विषाणु के फैलने की गंभीरता को स्वीकार ही नहीं किया। हालांकि सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे पर मास्क लगाकर बीमारी को फैलने से रोकने में काफी मदद मिल सकती है।

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