चीन के प्रमुख मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस वायरस के मानव-से-मानव (Man to Man) में फैलने की चेतावनी जारी की है। वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि इस संक्रमण का वायरास कीट से मनुष्यों में पहुंचा है। वैज्ञानिकों के अनुसार किसी भी कीट के काटने से फैलने वाला संक्रमण तेज बुखार वाला ‘थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम’ या ‘एसएफटीएस’ वायरस है। चीन के प्रमुख राष्ट्रीय अखबार ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि पूर्वी चीन के जिआंगसु प्रांत में अब तक 37 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसी प्रकार 23 और लोगों को पूर्वी चीन के अनहुई प्रांत में भी संक्रमित पाया गया है। ‘एसएफटीएस’ वायरस कोई नया वायरस नहीं है बल्कि इससे पहले यह 2009 में भी सेंट्रल अमरीका में फैला था जो 2011 तक खत्म हो गया। इस वायरस का पैथोजीन बुनया वायरस श्रेणीसे संबंधित है जो ऑर्थोपोड और रोडेंट वायरस के परिवार से है।
‘एसएफटीएस’ वायरस के लक्षणसामान्य फ्लू जैसे ही हैं। चीन के जियांगसु राज्य की राजधानी नानजिंग की एक महिला को बुखार और खांसी जैसे लक्षण दिखाई दिए। उसकी चिकित्सीय जांच के बाद, डॉक्टरों ने पाया कि उसके रक्त में प्लेटलेट काउंट और रक्त में ल्यूकोसाइट में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी। महिला को एक महीने के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिसके बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। इस वायरस से होने वाले संक्रमण के अन्य सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, थकान और मांसपेशियों में दर्द आदि शामिल हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि यह वायरस संक्रमण को इंसान से इंसान तक पहुंचाने में सक्षम है। झेंग मेडिकल विश्वविद्यालय के डॉक्टर शेंग जिफांग का कहना है कि इस वायरस केसंक्रमण से संक्रमित रोगी रक्त या बलगम के माध्यम से दूसरे इंसानों तक संक्रमण फैला सकते हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि कीट के काटने से ही संक्रमण के फैलने का सबसे बड़ा खतरा है इसलिए सतर्क रहें और फ्लू जैसे लक्षणवाले लोगोंसे भी दूरी बनाए रखें। हालांकि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है।