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अरे नहीं.. ये खंडहर नहीं स्वास्थ्य केंद्र है, मौत के मुंह में होता है गर्भवती महिलाओं का इलाज

CG News: यहां दिनभर स्वास्थ्य कर्मी जान जोखिम में लेकर लोगों का उपचार करते हैं। जर्जर व कंडम हो चुके भवन में छत के अधिकांश हिस्से की प्लास्टर उखडक़र गिर चुकी है।

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Bastar News: तस्वीर जिले के बास्तानार उप स्वास्थ्य केंद्र की है। यह केंद्र सालों से इसी हाल में है। साल दर साल यह खंडहर होता जा रहा है लेकिन ग्रामीण यहीं आकर इलाज करवाने को मजबूर हैं। स्वास्थ्य केंद्र का यह भवन कभी भी किसी की जान ले सकता है। यहां दिनभर स्वास्थ्य कर्मी जान जोखिम में लेकर लोगों का उपचार करते हैं। जर्जर व कंडम हो चुके भवन में छत के अधिकांश हिस्से की प्लास्टर उखडक़र गिर चुकी है। अब भी यह सिलसिला जारी है।

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इतने जोखिम के बावजूद इस उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ स्टाफ यहीं बैठकर गर्भवती माताओं व शिशुओं का टीकाकरण व अन्य मरीजों का इलाज करने मजबूर हैं। बता दें कि बास्तानार के नाम पर बस्तर जिले का विकासखंड अस्तित्व में है, लेकिन इसका मुख्यालय बास्तानार के नाम पर यहां से करीब 5 किमी दूर बड़े किलेपाल में संचालित है। इससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत विभिन्न विभागों के ब्लॉक स्तरीय दफ्तर बड़े किलेपाल में स्थित हैं। बुनियादी सुविधाओं के मामले में मूल गांव बास्तानार की उपेक्षा हो रही है। इस क्षेत्र से चुने जाने वाले जनप्रतिनिधि भी यहां सुविधाओं के विस्तार की दिशा में पहल करते नहीं दिखते। भवन की जर्जर स्थिति पर जब बास्तानार के बीएमओ डॉ. प्रदीप बघेल से बात करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।