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लो बीपी वाले मरीज बरतें सतर्कता, डाइट मैनेजमेंट को समझें

सर्दियों में ब्लडप्रेशर के मरीजों को खास सावधानी बरतनी चाहिए, चाहे उच्च रक्तचाप हो या फिर निम्न दोनों ही स्थितियों में मॉनिटरिंग रखना जरूरी है। जिनका ब्लडप्रेशर 90 और 60 द्वद्व॥द्द रहता है, वे निम्न रक्तचाप यानी लो ब्लडप्रेशर की श्रेणी में आते हैं। लो ब्लडप्रेशर वाले रोगियों को सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि इस रोग में रक्त शरीर के अन्य अंगों तक ठीक से नहीं पहुंच पाता। इससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक और किडनी फेलियर का खतरा रहता है। इसमें डाइट मैनेजमेंट भी जरूरी है।

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जयपुर

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Jyoti Kumar

Oct 03, 2023

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Patients with low BP

सर्दियों में ब्लडप्रेशर के मरीजों को खास सावधानी बरतनी चाहिए, चाहे उच्च रक्तचाप हो या फिर निम्न दोनों ही स्थितियों में मॉनिटरिंग रखना जरूरी है। जिनका ब्लडप्रेशर 90 और 60 द्वद्व॥द्द रहता है, वे निम्न रक्तचाप यानी लो ब्लडप्रेशर की श्रेणी में आते हैं। लो ब्लडप्रेशर वाले रोगियों को सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि इस रोग में रक्त शरीर के अन्य अंगों तक ठीक से नहीं पहुंच पाता। इससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक और किडनी फेलियर का खतरा रहता है। इसमें डाइट मैनेजमेंट भी जरूरी है।

क्यों होता है लो बीपी
निम्न रक्तचाप की समस्या शरीर में पानी की कमी के चलते भी हो सकती है। उसके अलावा हार्मोनल डिसऑर्डर भी एक कारण है। थायरॉइड, लो ब्लड शुगर भी निम्न रक्तचाप का कारण बनते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान भी लो बीपी हो सकता है।

यह है सामान्य रेंज
रक्तचाप की सामान्य रेंज में 130-140 द्वद्व॥द्द सिस्टोलिक और 80-90 द्वद्व॥द्द डायस्टोलिक है। यदि बीपी 90/60 द्वद्व॥द्द तक है तो लो बीपी है। इससे कम होने पर गंभीर स्थिति होती है।

समय पर पहचानें लक्षण और इलाज लें
ब्लड प्रेशर में अचानक कमी आने के संकेत हैं- चक्कर आना, धुंधला दिखाई देना, धडक़नों का कम ज्यादा होना, दुविधा की स्थिति बने रहना, शरीर ठंडा पडऩा। यह एक बहुत खतरनाक स्थिति है, जिसमें शरीर को जरूरी ब्लड सप्लाई नहीं मिल पाती है। हालांकि इसका इलाज भी है। इसलिए जरूरी है कि किसी को इस तरह के लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें और समय पर इसका इलाज शुरू करें। दवाइयां नियमित लेते रहें।

बचाव के तरीके
दिनभर में 8 गिलास पानी या अन्य तरल डाइट लें, ताकि शरीर हाइड्रेट बना रहे।
झटके से नीचे से ऊपर की ओर उठने से बचें।
दवा डॉक्टरी सलाह से ही लें।
ज्यादा मेंटल या फिजिकल स्ट्रेस लेने से बचें।
सिगरेट-शराब सेवन न करें।
खाने में सब्जियों व फलों को ज्यादा शामिल करें। हाई कार्ब वाले खाने से बचें।