
Physiotherapy Health Benefits: डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो भारत में महिलाओं में हर तीन में से एक जबकि पुरुषों में हर आठ में से एक को यह बीमारी पाई जाती है। फिजियोथैरेपी के माध्यम से इस रोग में आराम मिल सकता है, जानिए इसके बारे में।
फिजियोथैरेपी की भूमिका
बड़ी चोट रोकने, काम के समय सही बैठने (खासकर मरीज सिटिंग जॉब में हो), मांसपेशियों की ऐंठन कम करने, मांसपेशियों के खिंचाव व लचीलेपन में मदद करने, शरीर के संतुलन में सुधार करने आदि में फिजियोथेरेपी महत्त्वपूर्ण है। अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट के निर्देशन में व्यायाम करें।
ये होते हैं फायदे
फिजियोथैरेपी से शरीर में रक्त संचार की प्रक्रिया में सुधार होता और गतिशीलता बढ़ती है। इससे बैलेंस संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। शरीर के दर्द में राहत मिलती है। हड्डियों में कैल्शियम की कमी नहीं होती है। साथ ही रक्त संचार भी अच्छे तरीके से होता है। इसके अलावा स्ट्रेचिंग जैसी एक्टिविटीज के माध्यम से दर्द, तनाव, खिंचाव जैसी समस्याओं में भी सुधार होता है।
व्यायाम की प्रक्रिया
इसमें कई तरह की एक्टिविटीज व एक्सरसाइज को प्राथमिकता दी जाती है। इसमें वेट ट्रेनिंग, बैलेंस ट्रेनिंग, वॉकिंग, जॉगिंग, नंगे पैर चलना, शरीर का वजन स्थिर करना, शरीर में स्थिरता लाना, हड्डियों को मजबूती देने के लिए काम करना, थेराबेंड एक्सरसाइज, जेंटल मसाज जैसी एक्टिविटीज करवाई जाती हैं। इससे ऑस्टियोपोरोसिस सहित कई तरह की बीमारियों में राहत मिलती है।
Published on:
02 Oct 2023 03:47 pm
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