प्रेग्नेंसी में आयरन की अधिक जरूरत होती है। पालक-केले के आलवा गुड़ में भी बहुत मात्रा में आयर पाया जाता है। इसलिए गुड़ खाना लाभदायक होगा।
संक्रमण के खतरे से बचाएगा
गुड़ में खून साफ करने वाले तत्व पाए जाते हैं। गुड़ खून में मौजूद अशुद्धियों को दूर करता है। इसमें कई एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण से बचाते हैं।
इम्युनिटी बूस्ट करने में सहायक
गुड में एंटी ऑक्सिडेंट की मात्रा भी ज्यादा होताी है और इस वजह से ये इम्युनिटी बूस्टर का भी काम करता है।
प्रेग्नेंसी में वाटर रिटेंशन की समस्या 7वें महीने से शुरू हो जाती है, लेकिन गुड़ इसे रोकने में सहायक होता है। गुड़ में मौजूद पोटैशियम और सोडियम इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।
डायजेशन में भी कारगर
प्रेग्नेंसी में कांस्टिपेशन यानी कब्ज बहुत ही आम समस्या होती है। ऐसे में गुड़ पाचन को बढ़ावा देने के साथ ही कब्ज की समस्या को भी दूर करता है।
हड्डियों को मजबूती देगा
गुड़ में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होता है, इसलिए प्रेग्नेंसी में ये हडि्डयों की कमजोरी को दूर करता है।
नोट– प्रेग्नेंसी में गुड़ अधिक खाना नुकसानदेह हो सकता है। गुड़ की तासीर गर्म होती है, इसलिए एक दिन में 20 ग्राम से ज्यादा गुड़ का सेवन न करें।