बुधवार के दिन किन्नरों को करें ये चीजें दान, घर पर बरस उठेगी धन दौलत
एनीमिया
करेले का सेवन भले ही मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद हो। लेकिन प्रेगनेंट महिला को इसके सेवन करने से एनीमिया की दिक्कत हो सकती है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को एनीमिया का शिकायत हो तो इससे प्रीमैच्योर बर्थ, जन्म के समय शिशु का वजन कम होने और स्टिलबर्थ का खतरा बढ़ सकता है।
टॉक्सिक होता है करेला
माना जाता है कि प्रेग्नेंसी में करेला खाने से पेट दर्द, अपच, दस्त और पेट दर्द की समस्या हो सकती है। कहते हैं कि गर्भावस्था में करेले का जूस पीने से पेट में गर्मी इतनी तेजी से बढ़ती है जिससे ब्लीडिंग हो सकती है, और मिसकैरेज हो सकता है।
बुखार, मतली, एनीमिया की समस्या
करेले के बीजों में विक्सिन नामक रसायनिक तत्व होता है जानें बुखार, मतली, एनीमिया और पेट दर्द हो सकता है।
कब ना खाएं करेला
अगर आपको जी6पीडी डेफिशिएंसी यानी ग्लूकोज-6 फास्फेट डिहाइड्रोजेनेस की कमी है तो करेले के बीजों को बिलकुल ना खाएं। जी6पीडी एक एंजाइम होता है जो खून में मौजूद तत्वों से लाल रक्त कोशिकाओं को पहुंचने वाले नुकसान से बचाता है।
प्रेग्नेंसी में करेला खाने से क्या होता है
गर्भवती महिला को करेला खाने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। 3 महीने तक करेला खाने से पाचन बिगड़ सकता है। वहीं, दूध पिलाने वाली महिलाओं को भी करेला खाने से बचना चाहिए।