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प्रेग्नेंसी के दौरान शिशु को जन्मजात बीमारियों से ऐसे बचा सकती है मां, इन तीन बातों का रखें ध्यान

Published: Mar 03, 2022 12:55:22 pm

Submitted by:

Ritu Singh

प्रेग्नेंसी के दौरान मां के शरीर में किसी भी तरह की कमी का सीधा असर शिशु के शारीरिक और मानिसिक बनावट को प्रभावित करती है। जन्मजात बीमारियों से शिशु को बचाने के लिए मां क्या कर सकती है, चलिए जानें।

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प्रेग्नेंसी के दौरान शिशु को जन्मजात बीमारियों से ऐसे बचा सकती है मां

शिशु की जन्मजात बीमारियों में वैसे तो कई गंभीर बीमारियां शामिल होती है, लेकिन सबसे ज्यादा जिस बीमारी से शिशु ग्रस्त होते हैं उसमें, होंठ या तालू का कटा होना, दिल में छेद होना या मानिसक विकास सही तरीके से न होना शामिल होता है। एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए मां का स्वस्थ होना जरूरी है, लेकिन केवल बाहरी स्वास्थ्य से शिशु का स्वास्थ नहीं जुड़ा होता, इसलिए यह जानना जरूरी है कि जब गर्भ में शिशु हो तो उसे कैसे स्वस्थ बनाया जा सकता है।
गर्भवास्था की पहली जानकारी होते ही सर्वप्रथम मां को डॉक्टर के संपर्क में आना चाहिए। मां को कई तरह के टिके भी लगते हैं और प्रारंभिक जांच से यह भी पता चलता है कि मां कितनी स्वस्थ और एक स्वस्थ शिशु को जन्म देने के लिए कितना तैयार है। प्रेग्नेंसी में खानपान और मल्टी विटामिन्स और आयरन की दवाएं तो हर भावी मां को मिलती हैं, लेकिन इन सब से अलग कुछ ऐसी भी चीजें हैं जो आपको प्रेग्नेंसी के दौरान ध्यान में रखनी चाहिए। आपकी सतर्कता शिशु को जन्मजात बीमारी से बचा सकेगी।
शिशु के मानसिक विकास के लिए इन बातों का रखें ध्यान
शिशु के मानसिक विकास में आयोडिन का बहुत महत्व होता है। इसलिए यदि आप थॉयराड पेशेंट हैं तो आपको अपने डॉक्टर से हमेशा संपर्क में रहना होगा।
छठें महीने से ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड की मात्रा बढ़ाएं
दूसरा छह महीने की गर्भवती होने के बाद से ही आपको ओमेगा फैटी-3 और 6 वाली चीजें खाने में बढ़ा दें। चाहें तो डॉक्टर से संपर्क कर आप इसके सप्लीटमेंट भी ले सकती हैं। ये बच्चे के मानसिक विकास के लिए बहुत ही ज्यादा सहायक होता है। तेज दिमाग के लिए ओमेगा फैटी एसिड बहुत कारगर होता है।
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फॉलिक एसिड जरूर खाएं
अगर आपको ये लगता है कि आयरन की टेबलेट खा लेना ही काफी है तो जान लें कि फॉलिक एसिड की कमी कई बार जन्मजात शिशु के कटे होंठ और तालू जैसी बीमारी की वजह बनती है। फोलिक एसिड गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के ऊतकों व कोशिकाओं के निर्माण के लिए जरूरी होता है। यह विटामिन बी12 की तरह काम करता है और शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है और आयरन को संतुलित करता है।
(डिस्क्लेमर: आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। । किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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