ऑक्सफैम ने जिन वैक्सीन का अध्ययन और किया है उनमें एस्ट्राजेनेका, गामालेया-स्पुतनिक, मॉडर्ना, फाइजर और साइनोवैक हैं। ये पांचों कंपनियां मिलकर कुल 590 करोड़ डोज बनाने की क्षमता रखती हैं। जो दुनिया के 300 करोड़ लोगों के लिए पर्याप्त वैक्सीन है। क्योंकि हर शख्स को दो डोज दी जाएंगी।
इन पांचों दवा कंपनियों के साथ समझौता कर अमीर देशों ने 50 फीसदी से ज्यादा डोज खरीद लिया है, यानी कोरोना वैक्सीन के करीब 270 करोड़ डोज। इन अमीर देशों में मुख्यत: अमरीका, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियर, हांगकांग, ऑस्टे्रलिया, मकाऊ, जापान, स्विटजरलैंड और इजराइल शामिल हैं। शेष 260 करोड़ डोज को भारत, बांग्लादेश, चीन, ब्राजील, इंडोनेशिया और मेक्सिको को दिया जाएगा।
कुल 590 करोड़ डोज बनाने की क्षमता है पांच वैक्सीन निर्माता कंपनियों की, इनमें 270 करोड़ पहले इन देशों को दी जाएगी।