
Sadhguru Mantra to avoid stress in exams, know how to get success
Sadhguru Exam Tips : परीक्षा पे चर्चा के पांचवें संस्करण में मोटिवेशनल गुरु जग्गी वासुदेव, यानी सद्गुरु, ने छात्रों को तनावमुक्त रहने और बेहतर प्रदर्शन करने के मंत्र दिए। उन्होंने ‘दिमाग के चमत्कार’ विषय पर अपनी बात रखते हुए बताया कि मेडिटेशन (ध्यान) ही मानसिक संतुलन बनाए रखने की कुंजी है। (Sadhguru Quotes)
सद्गुरु ने परीक्षा (Sadhguru Exam Tips) के समय होने वाले तनाव को एक दिलचस्प तरीके से समझाया। उन्होंने कहा, अगर आपको तनाव महसूस हो रहा है, तो इसका मतलब है कि दिमाग को सही ‘ऑयलिंग’ नहीं मिल रही है।"
यानि हमारा मस्तिष्क तभी सही तरीके से काम करता है, जब हम उसे उचित देखभाल और विश्राम देते हैं।
सद्गुरु (Sadhguru) के अनुसार, ध्यान (मेडिटेशन) एक प्रभावी उपाय है, जिससे मस्तिष्क को संतुलन और ऊर्जा मिलती है।
उन्होंने कहा,
"अगर आप क्या कर रहे हैं और आप क्या हैं, इन दोनों में तालमेल नहीं है तो यह गड़बड़ है। मेडिटेशन से यह तालमेल बनता है।"
मस्तिष्क को शांति और स्पष्टता मिलती है।
शरीर और मन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
आत्मविश्वास और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
सद्गुरु ने एक दिलचस्प उदाहरण देते हुए बताया कि परीक्षा के समय डायरिया की दवाइयों की बिक्री बढ़ जाती थी, क्योंकि तनाव का असर सीधे हमारे शरीर पर पड़ता है।
उन्होंने कहा, शिक्षा का मतलब सिर्फ परीक्षा नहीं है। यह जीवन में आगे बढ़ने का एक माध्यम है।"
इसलिए छात्रों को परीक्षा को लेकर अनावश्यक दबाव नहीं लेना चाहिए, बल्कि इसे एक अवसर के रूप में देखना चाहिए।
सद्गुरु ने छात्रों को सुझाव दिया कि बुद्धिमानी कोई तय चीज नहीं है, बल्कि इसे निरंतर विकसित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा,
"हर व्यक्ति में कुछ न कुछ खास होता है, जिसे वह बेहतर तरीके से कर सकता है।"
इसलिए, स्वयं की क्षमताओं को पहचानना और लगातार सीखते रहना सफलता की कुंजी है।
- ध्यान और योग करें, इससे मानसिक शांति मिलेगी।
- अच्छी नींद और संतुलित भोजन लें, ताकि शरीर और दिमाग स्वस्थ रहे।
- पढ़ाई के बीच ब्रेक लें, ताकि दिमाग तरोताजा बना रहे।
- सकारात्मक सोच बनाए रखें और खुद पर भरोसा रखें।
- परीक्षा को सिर्फ एक पड़ाव मानें, जीवन की अंतिम मंजिल नहीं।
सद्गुरु ने परीक्षा को सहज रूप से लेने और मेडिटेशन के माध्यम से तनाव से दूर रहने का संदेश दिया।
उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे शिक्षा को केवल परीक्षा तक सीमित न रखें, बल्कि जीवन को सीखने और आगे बढ़ने का एक निरंतर अवसर मानें।
"दिमाग और शरीर को अपने अनुसार नियंत्रित करें, न कि उन्हें खुद पर हावी होने दें!"
IANS
Published on:
16 Feb 2025 10:53 am
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