खतरे की आशंका Global Pandemic Alert
विभिन्न वैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने दो साल के प्रयास में 1,652 सूक्ष्मजीवों का विश्लेषण किया। इनमें से 30 रोगाणुओं को ऐसे के रूप में चिह्नित किया गया है जो स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आपातकालीन स्थिति पैदा कर सकते हैं। इनमें नई वेरिएंट्स जैसे इंफ्लूएंजा-ए, डेंगू और मंकीपॉक्स शामिल हैं।
भारत में निपाह वायरस का खतरा Nipah virus threat in India
WHO की सूची में निपाह वायरस (Nipah Virus) भी शामिल है, जो कि भारत में पाया गया था और इसकी वजह से कई बार महामारी फैल चुकी है। इस वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता है।
बैक्टीरिया की नई प्रजातियाँ New species of bacteria
WHO की रिपोर्ट में बैक्टीरिया के पांच नए स्ट्रैन भी शामिल हैं जो कोलरा, प्लेग, डिसेंट्री, डायरिया और निमोनिया जैसी बीमारियाँ फैला सकते हैं। इनमें से कुछ बैक्टीरिया (Bacteria) अत्यधिक खतरनाक साबित हो सकते हैं और दक्षिण-पूर्व एशिया में इनका खतरा बढ़ सकता है।
वैक्सीनेशन और अनुसंधान Vaccination and research
WHO के अनुसार, वैज्ञानिक कुछ रोगाणुओं के प्रोटोटाइप की पहचान कर चुके हैं, जिनके आधार पर वैक्सीनेशन का अनुसंधान किया जा सकेगा। इससे भविष्य में महामारी फैलाने वाले वायरस की पहचान और उनके खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित करने में मदद मिल सकेगी।
भविष्य की तैयारी
WHO ने यह भी कहा कि वैज्ञानिक केवल महामारी फैलाने वाले रोगाणुओं (Pandemic pathogens) पर ही नहीं, बल्कि अन्य बीमारियाँ फैलाने वाले रोगाणुओं पर भी अनुसंधान कर रहे हैं। इसका उद्देश्य रोगाणुओं के प्रसार को नियंत्रित करना और भविष्य में संभावित स्वास्थ्य संकटों से निपटने की तैयारी करना है। इस चेतावनी के मद्देनजर, विश्व स्वास्थ्य संगठन और वैज्ञानिक समुदाय को इन रोगाणुओं (Pathogens) के खिलाफ ठोस उपाय और प्रबंधन योजनाओं पर काम करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में स्वास्थ्य संकटों को कम किया जा सके।