जयपुरPublished: May 26, 2020 11:26:44 pm
Ramesh Singh
कोरोना संक्रमण से लड़कर स्वस्थ हो चुके मरीज लॉकडाउन के बाद देश को आर्थिक संकट से उबारने व नए शोध में मददगार बनेंगे। स्वस्थ हुए व्यक्ति में शील्ड इम्युनिटी विकसित हो जाती है।
CORONA TREATMENT : जब तक वैक्सीन तैयार नहीं होती तब तक कोरोना से लड़ेगा इम्युनिटी शील्ड
जॉर्जिया. जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं के अध्ययन के अनुसार ऐसे लोगों की मदद से वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है या धीमा किया जा सकता है। टीका विकसित होने तक यह एक कारगर उपाय हो सकता है। कोरोना संक्रमण से लड़कर स्वस्थ हो चुके मरीज लॉकडाउन के बाद देश को आर्थिक संकट से उबारने व नए शोध में मददगार बनेंगे।
कोरोना से लड़ने का ऐसा है मॉडल
उदाहरण के लिए अत्यधिक संक्रमण दर वाली करीब एक करोड़ आबादी में करीब 71 हजार की मौतें हो सकती है। वायरस का प्रसार रोकने के लिए यदि यहां संक्रमण से लड़कर स्वस्थ हो चुके मरीजों को सार्वजनिक जगहों पर तैनात कर दिया जाए तो यह संख्या 20 हजार तक हो सकती है।
स्वस्थ हो चुके मरीज बनेंगे कोरोना वॉरियर
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि स्वस्थ हो चुके मरीज में एंटीबॉडी विकसित हो चुके होते हैं जो इंसान से इंसान के संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। यदि संक्रमण दर ज्यादा रहती है तो एक संक्रमित 2.33 से अधिक और कम रहता है तो 1.36 से अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है। क्योंकि स्वस्थ व्यक्ति में करीब चार माह से अधिक समय तक एंटीबॉडीज शरीर में प्रभावी रहते हैं। स्वस्थ हो चुके मरीजों में इसकी पहचान कर किया जा सकता है।