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बचपन की इन गलतियों से बच्चे जल्दी स्ट्रेस व डिप्रेशन में आते

locationजयपुरPublished: Aug 18, 2020 04:13:54 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

तनाव, अवसाद यानी डिप्रेशन बच्चों में बढ़ रहा है। प्रसन्न न रहने का अर्थ यह नहीं है कि वह डिप्रेशन में हो लेकिन बच्चा बार-बार उदास रहता है। लोगों से, बात करने में हिचकता है, बीच आने से बचता है। जानते हैं इसके बारे में-

 डिप्रेशन

बच्चों में डिप्रेशन के प्रमुख कारणों में अभिभावकों की अत्यधिक अपेक्षाएं, माता-पिता में मतभेद, अलगाव, पढ़ाई का दबाव, स्कूल में बदलाव, दोस्तों से लड़ाई, यौन उत्पीडऩ व दूसरे बच्चों द्वारा चिढ़ाया जाना प्रमुख रूप से शामिल हैं।
इसके अलावा ऐसे माता-पिता जो गुस्से वाले होते हैं और बच्चों की छोटी-छोटी गलतियों के लिए सजा देते हैं। यह तरीका बच्चे के व्यवहार व उसके व्यक्तित्व में गलत असर डालता है। बच्चों को अपनी भावनाएं खुल कर व्यक्त करने के लिए प्रेरित करें। उनकी बातों की आलोचना न करें या फिर अपने निर्णय न सुनाएं।

इलाज पर विश्वास ही नहीं

माता-पिता बच्चों की मानसिक समस्याओं को छुपा कर रखना चाहते हैं। अधिकांश इसे बीमारी नहीं मानते हैं। इलाज पर विश्वास ही नहीं होता है। बच्चों को लचीला रहना सिखाएं। गलतियां करने की छूट दें। अच्छे व्यवहार के लिए पुरस्कार दें। उनमें आत्मविश्वास की भावना विकसित करेगा।
बच्चों में पहचाने एंग्जाइटी व डिप्रेशन के लक्षणों को
1. बच्चे के मूड में तेजी से उतार-चढ़ाव आना, चिड़चिड़ाना व लगातार रोना, बात-बात पर बहुत गुस्सा आना।
2. दूसरों के साथ घुलना-मिलना नहीं। हीनता के भाव रखना। स्कूल जाने से बचना, गहरी नींद न आना, खाने और पढ़ाई के तौर-तरीके में बदलाव आना।
3. छोटे और बड़ों में डिप्रेशन के लक्षण अलग होते हैं। दोस्तों से अलग होना, कक्षा, यहां तक कि स्कूल बस का बदलना बच्चों में बेचैनी व डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
4. हर गलती के लिए डांटने से बच्चे में हीनता की भावना बढ़ती है।

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