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ध्यान का यह स्वरूप भी सेहत को रखे तरो-ताजा और ऊर्जा से भरपूर

locationजयपुरPublished: Aug 26, 2020 03:02:36 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

वैज्ञानिकों की मानें तो संगीत सुनने वाले हमेशा खुश और स्वस्थ बने रहते हैं।

ध्यान का यह स्वरूप भी सेहत को रखे तरो-ताजा और ऊर्जा से भरपूर

ध्यान का यह स्वरूप भी सेहत को रखे तरो-ताजा और ऊर्जा से भरपूर

स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम, योग, ध्यान, जुम्बा, तैराकी, दौड़ और स्पोर्ट्स जरूरी है। जैसे-जैसे हमारी जिम्मेदारियां बढ़ती जाती हैं हम इन सभी से दूर होते चले जाते हैं। फिर एक वक्त ऐसा आता है जब हम दिनभर में सक्रिय रहने के लिए कुछ भी नहीं करते हैं। परिणामस्वरूप मोटापा, सुस्ती, एन्ज़ाएटी, बट सिंड्रोम और वजन बढऩे की शिकायतें बढऩे लगती हैं। लेकिन कुछ व्यायाम और ध्यान ऐसे भी हैं जिन्हेंसमय कम होने या काम करते-करते भी किया जा सकता है। ये भी बहुत लाभदायक होते हैं। संगीत सुनना भी इन्हीं में से एक है। दरअसल, संगीत मनोरंजन भी है और ध्यान भी है। यह हमारी उदासी का साथी है तो साधना का स्वर भी है। लेकिन क्या आप जानते है कि आपकी जिंदगी में संगीत कितना जरूरी है? चलिए आपको बताते हैए संगीत सुनने के फायदे जिन्हें अपनाकर आप भी बहुत सी परेशानियों से राहत पा सकते हैं।
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संगीत शरीर और मन के लिए अच्छा है। वैज्ञानिकों की मानें तो संगीत सुनने वाले हमेशा खुश और स्वस्थ बने रहते हैं। इतना ही नहीं संगीत हमें कई मानसिक और शारीरिक परेशानियों से भी दूर रखने में मदद करता है। वैज्ञानिकों के अनुसंधान पर आधारित ऐसे ही कुछ फायदे हम यहां आपको बता रहे हैं-
1. व्यायाम करते वक्त संगीत सुनना फायदेमंद है
ब्रिटेन में हुए एक सर्वे के मुताबिक़ संगीत हमारे उत्साह को बनाए रखता है, धैर्य बढाता है और मूड में सुधार करता है। संगीत सुनने से हमारा ध्यान व्यायाम के दौरान होने वाली असुविधा की ओर नहीं जाता। रिसर्च में ट्रेड मिल पर चलते हुए 30 लोगों पर संगीत के प्रभाव का अध्ययन किया गया था। मोटिवेशनल व नॉन-मोटिवेशनल संगीत सुनने के दौरान का प्रदर्शन, संगीत नहीं सुनने के दौरान किए गए व्यायाम से बेहतर था।

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2. संगीत सुनने से बढ़ती है स्मरण शक्ति
कुछ लोगों को पढ़ाई करते हुए संगीत सुनने की आदत होती है। उनके अनुसार, इससे वे बेहतर पढ़ाई कर पाते हैं। अब शोध भी उनकी बात साबित करते हैं। इतना ही नहीं नियमित संगीत सुनना बुढापे की प्रक्रिया को कम करता है। डिमेंशिया के शिकार लोगों पर भी इसका अच्छा असर होता है। संगीत में रुचि लेना शरीर में डोपामाइन हार्मोन का स्राव करता है, जो जोश व प्रेरणा देता है। संगीत के प्रति बच्चों का झुकाव उनकी बातचीत को प्रभावी बनाता है। सोचने-समझने की क्षमता पर अच्छा असर पड़ता है, जिससे वर्बल IQ तेज़ होने लगता है।

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3. संगीत सुनने से तनाव और बैचेनी में होती है कमी
बिना शब्दों वाला धीमी गति का मधुर संगीत सुनना मन को शांति देता है। तनाव कम होता है और बढ़ी हुई हृदय गति में सुधार आता है। श्वास प्रक्रिया सामान्य होती है और बेचैनी में तुरंत आराम मिलता है। संगीत चाहें सुनें, गाएं या बजाएं, सभी रूपों में इसका अच्छा असर देखने को मिलता है। विशेषज्ञों के अनुसार नियमित संगीत सुनना शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर सुकून देता है। अच्छी नींद भी आती है, डर, कुंठा व क्रोध कम होता है। मन प्रसन्न रहता है। सुकून चाहिए तो शास्त्रीय संगीत या फिर धीमी गति का संगीत सुनना चाहिए या फिर बासुरी की धुन सुननी चाहिए।

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4. संगीत सुनने से दर्द की अनुभूती होती है कम
संगीत का नर्वस सिस्टम पर अच्छा असर होता है। यह वह हिस्सा है, जो रक्तचाप, हृदय गति और दिमाग की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। मस्तिष्क के उस हिस्से पर भी असर होता है, जो भाव को नियंत्रित करता है। मांसपेशियों के दर्द से पीडि़त लोगों का नियमित संगीत सुनना डिप्रेशन के लक्षण व दर्द को कम करता है। धीमी लय वाले संगीत से बढ़ी हुई हृदय गति काबू होती है। कंधे, पेट व पीठ का तनाव कम होता है।

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5 . संगीत सुनने से शरीर स्वस्थ रहता है
शोधकों के अनुसार, संगीत सुनने से शरीर के इम्यून सिस्टम के लिए उपयोगी एंटीबॉडी के स्तर में सुधार होता है। हम उन एंटीबॉडी के बारे में बात कर रहे है, जो रोगों के खिलाफ हमारे शरीर की सुरक्षा करते हैं। साथ ही पाचन प्रक्रिया पर भी अच्छा असर देखने को मिलता है। रिसर्च यह बताती है अगर आप अपने पसंद का म्यूज़िक सुनते है तो आपका मूड खुश-मिजाज़ रहता है और सोचने-समझने की शक्ति भी बढ़ती है। इतना ही नहीं अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित है तो वो समस्या भी धीरे-धीरे सुधरने लगती हैं। रोजाना 20-30 मिनट संगीत के संग बिताने से हमारा अकेलापन व तनाव भी दूर होता हैं। लाइफ हैक मैगज़ीन के मुताबिक, अल्बर्ट आइंस्टीन भी म्यूजिक सुनना बहुत पसंद करते थे।

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6. बच्चों को शांत रखता है संगीत
हर व्यक्ति को अलग-अलग तरह का संगीत सुकून देता हैं। इसलिए जब हम अपनी पसंद का संगीत सुनते है तो वो हमारा मनोरंजन ही करता है। संगीत हमारी आत्मा को एक अनोखा सुकून देता है। संगीत सुनने से हम बच्चे की तरह शांत, खुश और निश्चिंत महसूस करते है। म्यूजिक-न्यूरोसाइंस पर रिसर्च कर रहे साइकोलॉजिस्ट डेनियल जे. लेविटिन यह बताते है कि मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के मामले में संगीत चिकित्सा के नतीजे बेहद ही रोचक और सुखद हैं। इस रिसर्च से यह भी सामने आया की इससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर पॉज़िटिव असर पड़ता हैं। तनाव वाले हार्मोन कम होते है। इतना ही नहीं माँ की लोरी को भी महत्वपूर्ण माना गया हैं। क्योंकि लोरी सुनने की आदत से बच्चा शांत व सजग रहता है। बच्चे को नींद भी अच्छी आती है और वह बार-बार रोता भी नहीं। संगीत थैरेपी से गर्भावस्था के समय महिलाओं में भी तनाव को कम पाया गया।

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7. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता हैं
संगीत से आपके शरीर में इम्मुनोग्लोबुलिन ए में वृद्धि होती हैं। यह एंटीबॉडी श्लेष्म प्रणाली में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है और कोशिकाओं को स्वस्थ रखती है। जिससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत बनता हैं। संक्रामक बीमारियों से पीड़ित रोगियों के उपचार के दौरान संगीत का असर प्रतिरक्षा प्रणाली पर सकारात्मक पड़ता हैं। अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और बार-बार बीमार होने से अपने आपको रोकने के लिए पसंदीदा म्यूज़िक सुनना जल्द शुरू करें। कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है की म्यूज़िक सुनने से दिमाग रिलैक्स मोड़ में चला जाता है जिससे मसल्स को आराम मिलता है। हाल ही में टोक्यो में हुई एक रिसर्च के मुताबिक अगर इंसान संगीत का सहारा ले तो चिंता, डिप्रेशन, टेंशन के लेवल को कम कर सकता हैं। क्लासिकल म्यूजिक इसमें ज्यादा फायदेमंद हैं। रेग्युलर म्यूजिक सुनने से ब्रेन फंक्शन बेहतर होते हैं….इससे क्रिएटिविटी बढ़ती है।

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8. बैक पेन को कम करे
ओटोनोमिक, नर्वस सिस्टम का एक पार्ट होता हैं। जो उच्च-रक्तचाप, दिल की धड़कन और दिमाग की कार्य-प्रणाली को कंट्रोल करता हैं। संगीत सुनने का सबसे ज्यादा असर भी इसी भाग पर पड़ता है वो भी सकारात्मक। जब कोई धीमा संगीत सुना जाता है तो उच्च-रक्तचाप और दिल की धड़कन भी धीमी हो जाती है। जिस वजह से हम आराम से और बेहतर सांस ले पाते हैं। बेहतर और पर्याप्त सांस लेने की वजह से पेट, कंधे, गले और बैक में मांसपेशियों का खिचाव कम हो जाता है जिससे हम गंभीर बैकपैन यानी पीठ दर्द से बच जाते हैं। ऑस्ट्रीया में हुई एक रिसर्च में यह पाया गया की जिन लोगों को बैक सर्जरी के बाद म्यूज़िक थैरेपी दी गई उन्हें सर्जरी के बाद बैकपैन में बहुत राहत मिली। यह रिसर्च 21 से 28 साल के व्यक्तियों पर की गई थी। संगीत आपकी थकान को दूर करके साइकोलॉजिकल उत्तेजना में वृद्धि करता है जिससे व्यायाम में सहायता मिलती है। ब्रूनल विश्वविधयालय में हुई रिसर्च के अनुसार संगीत और हृदय का व्यायाम के दौरान एक गहरा संबंध रहता है। इसलिए व्यायाम के वक्त उत्साहित संगीत सुनना ना भूले।

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9. संगीत कम खाने में मददगार है
भोजन के दौरान अगर सॉफ्ट म्यूज़िक सुना जायें तो खाना खाने वाले का पेट जल्दी भरता है। संगीत ऐसे लोगों को जागरूक बनाता है की आपका पेट भर चुका है। एक शौध से यह सामने आया है की संगीत कैलोरी के सेवन को कम करके संयमी बनाने में मदद करता हैं। चिंता में व्यक्ति कार्बोहाइड्रेट और वसा युक्त भोजन को खाने की ज्यादा इच्छा रखता है। जैसा की आप जानते है संगीत से चिंता भी दूर होती है और इससे आपको स्वस्थ खाने में मदद मिल सकती हैं। अगर आप अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे है तो सोते समय सुखदायक संगीत सुनना शुरू कर दीजिए। रॉक या रेट्रो म्यूज़िक से रात को दूर रहे, नहीं तो परिणाम विपरीत भी आ सकते है। सोने से कुछ समय पहले शास्त्रीय संगीत को सुने। क्योंकि शास्त्रीय संगीत सहानुभूति तंत्रिका तंत्र की गतिविधि को कम करके चिंता को घटाता है, मांसपेशियों को आराम देता हैं और उन विचारों की व्याकुलता को दूर करता है जो आपके सोने में बाधक हैं। एक सुखद नींद के लिए सोने से पहले 30-45 मिनट का संगीत सुनने की आदत अवश्य डालें।

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10. रक्त वाहिका की कार्य प्रणाली को रखे दुरुस्त

जब आप खुशनुमा संगीत सुनते है तो आप अच्छा और खुश महसूस करते है। संगीत सुनते वक्त आपके दिल और रक्तवाहिका के कार्य पर पॉज़िटिव असर पड़ता है। संगीत से शरीर में Endothelium Functionality पर असर पड़ता है जिससे रक्त कोशिकाओं की परत बनती है। अच्छा म्यूज़िक सुनने से पैदा होने वाली भावनाओं का रक्तवाहिका के कार्य पर पॉज़िटिव असर पड़ता हैं। संगीत की आदत से नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ता है जिससे रक्तवाहिकाओं के विस्तार में मदद मिलती है। इससे रक्तवाहिकाएँ स्वस्थ और लचकदार बनती है।
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11. बच्चे निडर बनते हैं
अगर किसी बच्चे की सर्जरी होनी है और उसे इस दौरान म्यूज़िक सुनाया जायें तो बच्चे की मसल्स रिलैक्स मोड़ में चली जाती है और बच्चा पहले की तुलना में ज्यादा निडर महसूस करता है। म्यूज़िक के दौरान बच्चों को बीमारी में दर्द का अहसास भी कम होता है। जो बच्चे म्यूज़िक नहीं सुनते उनकी तुलना में म्यूज़िक सुनने वाले बच्चों के मस्तिष्क का विकास और मेमोरी भी बेहतर होती है।

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12. हाई ब्लड-प्रेशर और स्ट्रोक में सुधार
रोजाना सुबह-शाम कुछ मिनटों तक संगीत सुनने से उच्च-रक्तचाप का स्तर सुधरता है। लाइट म्यूज़िक की आदत से स्ट्रोक की समस्या भी दूर होती है। संगीत हृदय की रिकवरी कर उसे मजबूत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता हैं। रिसर्च बताती है की संगीत में तीन तंत्रिका तंत्र होते है जिससे दिमाग रिलैक्स करता है और जिन मरीजों को स्ट्रोक की समस्या है उनकी भी रिकवरी में संगीत सहायक है। स्ट्रोक की समस्या अगर आ भी गई है तो भी बिस्तर पर स्लो म्यूज़िक सुने, इससे आराम तो मिलेगा ही साथ ही तनाव कम होगा और रिकवरी फास्ट होगी। संगीत दिमाग के क्षतिग्रस्त हिस्सों की रिकवरी उत्तेजित करता हैं। जिससे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में बहुत सुधार आता है।

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हर किसी के लिए संगीत कैसे है फायदेमंद
पुरुष– शौध के अनुसार जो पुरुष रोजाना संगीत सुनते है वे दूसरों के मुकाबले में अधिक सकारात्मक होते है। जिससे उनकी निजी और कामकाजी जिंदगी सुखद होती है।
औरत– अमेरिकन स्टडी यह दावा करती है जो महिला गर्भावस्था के समय संगीत को सुनती है उन्हें दर्द का सामना कम करना पड़ता है और डिलीवरी की भी कम चिंता करती है।
बच्चे– हांगकांग की रिसर्च के अनुसार जो बच्चे संगीत की शिक्षा लेते है वे पढ़ाई में भी अव्वल रहते है। एक दूसरी रिसर्च यह भी कहती है ऐसे बच्चे अधिक मिलनसार, मददगार और एकाग्र होते है।

वृद्ध– शौध के अनुसार जो व्यक्ति शुरू से ही संगीत का रियाज़ या सीखने में लीन रहते है वें बुढ़ापे में भी बेहतर तरीके से काम करते है। म्यूज़िक से दिमाग जवा रहता है इस कारण वे बुजुर्ग होने के बाद भी दिमाग से बेहतर सोच व समझ पाते हैं।
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संगीत के ये लाभ भी हैं लाजवाब
इतना ही नहीं संगीत सुनने से किसी भी प्रकार की सूजन कम होती है, रक्त प्रवाह सामान्य हो जाता है, सिरदर्द की प्रॉब्लम दूर होती हैं, ऐथलेटिक पर्फारमेंस अच्छी होती है, रक्त संबंधी और हृदय संबंधी रोगों से भी मुक्ति मिलती है। एंग्जाइटी में संगीत उतना ही लाभ देता है जितना दो घंटे की मसाज लेने से होता है। संगीत बेहतरीन मूड-एलीवेटर भी है। किसी भी तरह की सर्जरी के बाद अपना पसंदीदा पॉप, जैज या क्लासिकल म्यूजिक सुनने से मरीज के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार होता है। फिनलैंड में हुई एक शौध के अनुसार इस तथ्य को बताया जाता है। विदेशों में संगीत थेरेपी का चलन बहुत ही आम है। लेकिन वर्तमान में लोगों की जीवनशैली बहुत से तनाव और परेशानियों से घिरी हुई है।

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हर किसी के पास काम तो बहुत है पर समय नहीं और इसी उधेड़बुन में संगीत तो क्या तनाव के बारे में भी सोचने का किसी के पास वक्त नहीं। जिस तरह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक खाने की आवश्यकता पड़ती है ठीक उसी तरह हमारी आत्मा को स्वस्थ और सकारात्मक रखने के लिए संगीत की आवश्यकता पड़ती है। इसमें भारतीय रागा आपकी बहुत मदद कर सकता है क्योंकि रागा से हृदय गति में सबसे ज़्यादा सुधार आता है। आप चाहें कितने भी व्यस्त क्यों ना हो हम यही कहेंगे कुछ समय अपने लिए भी निकालिए और संगीत का संग अपनाइए। क्योंकि कई शौध यही बताती है संगीत का असर हमारे शरीर और मन दोनों पर पड़ता है।
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