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थायरॉइड का अचूक इलाज छिपा है इस लकड़ी में, जानें कैसे करें इस्तेमाल

थायरॉइड एक ऐसी बीमारी है जो थायरॉइड ग्रंथि में होने वाली समस्याओं के कारण होती है। थायरॉइड ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होती है। थायरॉइड की समस्याओं में हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म शामिल हैं।

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थायरॉइड एक ऐसी बीमारी है जो थायरॉइड ग्रंथि में होने वाली समस्याओं के कारण होती है। थायरॉइड ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होती है। थायरॉइड की समस्याओं में हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म शामिल हैं।

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मुलेठी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसमें कई औषधीय गुण होते हैं। मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इन गुणों के कारण मुलेठी थायरॉइड के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है।

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मुलेठी से थायरॉइड का इलाज करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं: मुलेठी की चायमुलेठी की चाय बनाकर पीने से थायरॉइड के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। मुलेठी की चाय बनाने के लिए एक चम्मच मुलेठी पाउडर को एक कप पानी में उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर पी लें।

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मुलेठी का काढ़ामुलेठी का काढ़ा बनाकर पीने से भी थायरॉइड के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। मुलेठी का काढ़ा बनाने के लिए एक चम्मच मुलेठी पाउडर को दो कप पानी में उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर पी लें।

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मुलेठी का पानीमुलेठी के पानी को भी थायरॉइड के लक्षणों को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। मुलेठी का पानी बनाने के लिए एक चम्मच मुलेठी पाउडर को एक गिलास पानी में रात भर भिगो दें। सुबह इसे छानकर पी लें।

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मुलेठी और दूधमुलेठी और दूध का मिश्रण भी थायरॉइड के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। मुलेठी और दूध का मिश्रण बनाने के लिए एक चम्मच मुलेठी पाउडर को एक गिलास दूध में उबाल लें। जब दूध आधा रह जाए तो इसे छानकर पी लें। मुलेठी से थायरॉइड का इलाज करने के लिए इन तरीकों को नियमित रूप से अपनाना चाहिए। हालांकि, थायरॉइड की समस्या होने पर सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।