पूरी तरह आयुर्वेदिक दवाओं से किया इलाज
उन्होंने उन आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में बताया है जिस एक कोरोना के मरीज के लिए उपयोग किया था जिसका परिणाम सार्थक रहा। आयुष क्वाथ, संशमनी वटी, फीफाट्रोल और लक्ष्मीविलास रस की यह चार दवाओं की मदद से कोरोना का इलाज संभव है ऐसी जानकारी दी गयी है। इस केस की स्टडी 30 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी से की गई है, जो कोरोना से संक्रमित था। उसे संक्रमण के बाद भारतीय आयुर्वेद संस्थान में भरती कराया गया।इसके बाद ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में डाक्टरों ने पूरी तरह से आयुर्वेदिक दवाओं से उसका उपचार शुरू किया। इस दौरान मरीज को कोई भी एलोपैथी दवा नहीं दी गई। स्टडी में चौंकाने वाले नतीजे का दावा किया गया है। इसके अनुसार मरीज महज छह दिन पूरी तरह ठीक हो गया और टेस्ट में भी कोरोना निगेटिव पाया गया
डॉक्टरों की टीम में शामिल रहे डा. शिशिर कुमार मंडल के नेतृत्व में यह दवाई तैयार की गयी थी जब उस मरीज को इसका उपचार करने के लिए दिन में तीन बार 10 मिली लीटर आयुष क्वाथ, दो बार 250 मिग्रा संशमनी वटी और लक्ष्मीविलास रस दिया गया। इसके साथ ही फीफाट्रोल की 500 मिग्रा की टेबलेट दिन में दो बार दी गयी। इन दवाओं को देने के बाद नतीजा यह निकला कि उसकी सेहत में सुधार होने लगा।
जब यह मरीज कोरोना से संक्रमित हुआ था तब शुरूआत में मरीज को सांस लेने में परेशानी थी लेकिन दवाओं के बाद मरीज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, गले की खराश एवं खांसी से उसके थोड़ी राहत मिली। उसका स्वाद भी वापस आ गया। यह इलाज लगातार जारी रहा। छठे दिन जब उसका कोरना टेस्ट हुआ तो उसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का इलाज आयुर्वेद के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। यदि इन आयुर्वेदिक चीजों को मिलाकर दवाएं तैयार की जाए तो इसके परिणाम बेहतर आ सकते हैं।