आमतौर पर लोगों में यह धारणा होती है कि तुलसी के पत्तों में पारा होता है। हां, यह बिलकुल सच है कि तुलसी के पत्तों में पारा यानी कि मर्करी पाया जाता है। इसलिए कहा जाता है कि तुलसी के पत्तों को चबाकर नहीं खाना चाहिए। यह हमारे दांतों को कमजोर बनाता है और खराब कर देता है। जब भी इसका सेवन करें तो इसके पत्ते को सीधे पानी के साथ निगल लें यानी इसे चबाकर नहीं खाएं। लगातार ज्यादा मात्रा में तुलसी का सेवन न करें, वरना यह कई बीमारियों का कारण बन सकती है।
कई लोग तुलसी के पत्ते को दूध वाली चाय में भी डालते हैं, लेकिन यह सेहत के लिहाज से बहुत नुकसानदायक है, क्योंकि तुलसी को कभी भी दूध के साथ नहीं लेना चाहिए। यह बहुत बुरा प्रभाव डालता है, वहीं दूध पीने के एक घंटे के बाद तक तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए।
तुलसी भी पांच प्रकार की होती है। आमतौर पर इन्हें राम तुलसी, श्याम तुलसी, विष्णु तुलसी, नीबू तुलसी और मीठी तुलसी के नाम से जानते हैं। तुलसी के पत्तों का अर्क एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी- बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फ्लू, एंटी-बायोटिक, एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व एंटी डिजीज होता है।