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ख़ास खबर: कोरोना वायरस की जांच के लिए यूएई ने बनाई ‘लेजर टेस्टिंग टेक्नोलॉजी’

locationजयपुरPublished: May 20, 2020 09:44:53 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

यह तकनीक आने वाले समय में यूएई को नए रिसर्च और इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करने में मदद कर सकती है। अबु धाबी स्थित क्वांटलेज इमेजिंग लैब (आइएचसी की चिकित्सा अनुसंधान शाखा) ने उन्होंने एक नया उपकरण बनाया है जो बहुत तेज़ मॉस स्क्रीनिंग करने में सक्षम है और इससे कोरोना जांच परीक्षण के परिणाम सेकंड में उपलब्ध होते हैं और व्यापक परीक्षण की सुविधा भी देते हैं।

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ख़ास खबर: कोरोना वायरस की जांच के लिए यूएई ने बनाई ‘लेजर टेस्टिंग टेक्नोलॉजी’

अबु धाबी स्थित क्वांटलेज इमेजिंग लैब (आइएचसी की चिकित्सा अनुसंधान शाखा) ने उन्होंने एक नया उपकरण बनाया है जो बहुत तेज़ मॉस स्क्रीनिंग करने में सक्षम है और इससे कोरोना जांच परीक्षण के परिणाम सेकंड में उपलब्ध होते हैं और व्यापक परीक्षण की सुविधा भी देते हैं। यह तकनीक इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आज दुनिया भर के देशों की चिकित्सा इकाइयां तेजी से कोरोना परीक्षण करने में सक्षम नहीं हैं और लाख कोशिशों के बावजूद भारत जैसे देशों में लाखों सैंपल के नतीजे अब भी लंबित है। यह ब्रेक-थ्रू मॉस-स्केल स्क्रीनिंग को सक्षम करेगा जिससे ट्रेसिंग के पूरे आयाम को बदला जा सकता है। यूएई के सवास्थ्य और संक्रमण रोकथाम के मंत्री अब्दुल रहमान बिन मोहम्मद बिन नासिर अल ओवैस का कहना है कि हमें इस तकनीक पर गर्व है जो काम करती है और जो लोगों को बेहतर तरीके से बचाने में मदद करेगी।
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कोरोना वायरस की जांच के लिए यूएई ने बनाई ‘लेजर टेस्टिंग टेक्नोलॉजी'” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2020/05/20/shutterstock_691548586_6119558-m.jpg”> कैसा है यह लेजर उपकरण
उपकरण बनाने वाली टीम के हैड भारतीय मूल के वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार का कहना है कि यह लेजर उपकरण जो एक ‘सीमोस डिटेक्टर’ का उपयोग करता है, सेकंड में उपलब्ध परिणामों के साथ बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग को सक्षम करेगा। डॉ प्रमोद कुमारफिलहाल प्रयोगशाला में शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व वायरस की कोशिका संरचना में परिवर्तन करने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें खून निकालने की भी जरुरत नहीं पड़ेगी। डॉ. प्रमोद का कहना है कि हमारी लेजर आधारित डीपीआई (डिफ्रेक्टिव फेज इंटरफेरोमेट्री) तकनीक ऑप्टिकल-चरण मॉड्यूलेशन के आधार पर कुछ सेकंड्स के भीतर संक्रमण का संकेत देने में सक्षम है। इस उपकरण का उपयोग न केवल अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों जैसे कि सिनेमाघरों और शॉपिंग मॉल में किया जा सकता है लेकिन प्रशिक्षण के बाद इसका उपयोग इन-हाउस परीक्षण और निगरानी के लिए भी किया जा सकता है। हमें विश्वास है कि यह तकनीक कोरोनोवायरस के प्रसार से निपटने में गेम-चेंजर साबित होगी।
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