उपकरण बनाने वाली टीम के हैड भारतीय मूल के वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार का कहना है कि यह लेजर उपकरण जो एक ‘सीमोस डिटेक्टर’ का उपयोग करता है, सेकंड में उपलब्ध परिणामों के साथ बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग को सक्षम करेगा। डॉ प्रमोद कुमारफिलहाल प्रयोगशाला में शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व वायरस की कोशिका संरचना में परिवर्तन करने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें खून निकालने की भी जरुरत नहीं पड़ेगी। डॉ. प्रमोद का कहना है कि हमारी लेजर आधारित डीपीआई (डिफ्रेक्टिव फेज इंटरफेरोमेट्री) तकनीक ऑप्टिकल-चरण मॉड्यूलेशन के आधार पर कुछ सेकंड्स के भीतर संक्रमण का संकेत देने में सक्षम है। इस उपकरण का उपयोग न केवल अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों जैसे कि सिनेमाघरों और शॉपिंग मॉल में किया जा सकता है लेकिन प्रशिक्षण के बाद इसका उपयोग इन-हाउस परीक्षण और निगरानी के लिए भी किया जा सकता है। हमें विश्वास है कि यह तकनीक कोरोनोवायरस के प्रसार से निपटने में गेम-चेंजर साबित होगी।