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ऐसे समझें अस्थमा और एलर्जी में फर्क

मौसम में बदलाव से अस्थमा और एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है। आमतौर पर दोनों के लक्षण एक जैसे ही दिखते हैं। ऐसे में इनमें अंतर कर पाना मुश्किल हो जाता है।

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ऐसे समझें अस्थमा और एलर्जी में फर्क

ऐसे समझें अस्थमा और एलर्जी में फर्क

मौसम में बदलाव से अस्थमा और एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है। आमतौर पर दोनों के लक्षण एक जैसे ही दिखते हैं। ऐसे में इनमें अंतर कर पाना मुश्किल हो जाता है। एक्सपर्ट की मानें तो एलर्जी केवल एक कारण है जबकि अस्थमा बीमारी है। जानते हैं इनके बारे में विस्तार से-
दोनों में अंतर समझें
कई दिनों से सर्दी, जुकाम, खांसी या सांस लेने में परेशानी एलर्जी हो सकती है। लेकिन अस्थमा में इन लक्षणों के साथ रात में सोते समय खांसी, सीने में जकडऩ सीढिय़ां चढ़ते या व्यायाम से सांस फूलती है। हालांकि पुष्टि के लिए डॉक्टर को दिखाना, जांच जरूरी है।
एलर्जी से अस्थमा...
फेफड़ों की एलर्जी से अस्थमा होता है। इसीलिए इसे एलर्जिक अस्थमा कहते हैं। अगर किसी को एलर्जिक अस्थमा नहीं है, केवल एलर्जी है तो उस व्यक्ति में अस्थमा का खतरा 40त्न तक बढ़ जाता है। इन दोनों का कोई स्थाई इलाज मुश्किल है। इसलिए बचाव पर ध्यान दें।
ज्यादा परेशानी कब?
दोनों तकलीफ दो तरह की होती है। एक मौसम में बदलाव से व दूसरी स्थाई। फरवरी से मई और सितंबर से नवंबर तक पराग कण अधिक होते हैं इसलिए इस समय ज्यादा दिक्कत होती। ये कण सूर्य निकलने से पहले और डूबने के बाद ज्यादा एक्टिव होते हैं।