scriptकोरोना रोगियों में होते हैं हृदय रोग के असामान्य लक्षण | Unusual symptoms of heart disease occur in corona patients | Patrika News

कोरोना रोगियों में होते हैं हृदय रोग के असामान्य लक्षण

Published: Apr 20, 2020 12:33:05 am

Submitted by:

pushpesh

इन्हें ज्यादा खतरा (More danger to them) : हृदय रोगी, मधुमेह, वाल्व सर्जरी करवाए रोगी।बचाव क्या है (What is the precaution): सोशल डिस्टेंसिग, नॉन सर्जिकल मास्क, अच्छे से हाथ धोना, उचित भोजन, पर्याप्त नीद और व्यायाम। मानसिक स्वास्थ्य के लिए (For mental health) : ध्यान, योग, किताबें पढ़ें और अच्छा संगीत सुनें।

कोरोना रोगियों में होते हैं हृदय रोग के असामान्य लक्षण

कोरोना रोगियों में होते हैं हृदय रोग के असामान्य लक्षण

पिट्सबर्ग.

इस वक्त हम उस महामारी का दंश झेल रहे हैं, जिसे दुनिया ने ना पहले कभी देखा और ना ही इसके बारे में कभी सोचा। भारत पहले ही 5 हजार पॉजिटिव मामलों के करीब है और अमरीका तो इस वक्त सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। फर्क ये है भारत इसे नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहा है तो अमरीका इसे कम करने का प्रयास कर रहा है। स्वास्थ्य संकट से शुरू हुई ये महामारी अब सामाजिक, आर्थिक के साथ-साथ वजूद के लिए खतरा बन गई। हम सभी एक ही नाव में हैं। जब हमने पहली बार जनवरी में कोरोना वायरस के बारे में सुना तो इसे महज श्वास संबंधी बीमारी मान लिया गया। वायरस के उद्भव स्थान वुहान से मिले इनपुट में बताया गया कि इसमें 80 फीसदी लोगों में हल्के फ्लू और 20 फीसदी में निमोनिया और सांस में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाए दिए थे। ऐसे में महज 15 फीसदी को ही वेंटिलेटर और आइसीयू की आवश्यकता थी।
होम कोरेंटाइन में इटली ने चीन वाली गलती दोहराई

हार्ट पर कैसे असर करता है कोरोना
अब कुछ रोगियों को देखकर पता चला कि उन्हें सीने में दर्द, सांस में तकलीफ, असामान्य हृदयगति, सीरम ट्रोपोनिन (क्षतिग्रस्त हृदय की मांसपेशियों से निकलने वाला प्रोटीन) जैसे लक्षण है, जो दिल का दौरा का कारण बन सकता है। हम कोरोनरी एंजियोग्राम के जरिए तत्काल यह पता लगाते हैं कि कोरोनरी धमनियों में कोई रुकावट तो नहीं है। ये कोरोनरी सिंड्रोम है या कोरोना का मामला। सीने में दर्द और ट्रोपानिन का स्तर ज्यादा होने पर कोरोना रोगियों को कैथीटेराइजेशन के लिए जाना चाहिए।
हालांकि इस बारे में चिकित्सकों की आम राय नहीं है, लेकिन चीन और यूरोप के 17 फीसदी मामलों को देखकर लगता है कि कोरोना से होने वाले हार्ट अटैक का कारण एक्यूट कार्डियक इंजरी है, जो हृदय की मांसपेशियों में सूजन (मायोकार्डिटिस) या संक्रमण के कारण शरीर में ऑक्सीजन की बढ़ती आवश्यकता के कारण पैदा होता है। ये रिपोर्ट हाल ही जेएएमए (जर्नल ऑफ अमरीकन मेडिकल एसोसिएशन) में प्रकाशित हुई है। मायोकार्डिटिस कोरोना में दिल की सबसे खतरनाक स्थिति है, जो शरीर में उत्सर्जित अणुओं से उत्पन्न होता है। मायोकार्टिटिस के कारण हार्ट अटैक, कार्डियोवेस्कुलर और कार्डियक अरेस्ट होता है।
स्पेनिश फ्लू और विश्वयुद्ध से बचने वाले बुजुर्ग का कोरोना भी कुछ नहीं बिगाड़ पाया

इनको ज्यादा खतरा
जैसा बताया जाता रहा है कि पहले से हृदय रोगी और 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में संक्रमण के बाद जान का जोखिम सर्वाधिक है। इसके अलावा मधुमेह, हार्ट फेल्योर या वाल्व सर्जरी आदि भी उच्च जोखिम वाले रोगी हैं। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग, नॉन सर्जिकल मास्क, हाथ अच्छे से साफ करते रहें, उचित भोजन लें, पर्याप्त नींद और व्यायाम करें।
अवसाद और अकेलेपन से बचें
कोविड-19 महामारी हमारे हृदय के अलावा आध्यात्मिक दिलों को भी प्रभावित कर रही है, जिसे एक प्रकार का ‘सोल सिकनेस’ कहा जा सकता है, जिसे आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है। दुनिया में बहुत से लोग सामाजिक अलगाव के कारण अवसाद, अकेलापन और निराशा का अनुभव कर रहे हैं। इससे बचने के लिए ध्यान, योग, किताबें पढऩा और संगीत सुनना चाहिए। अंत में यही कि घर पर रहें, सुरक्षित रहें, हम सब साथ हैं। ये वक्त गुजर जाएगा।
-पीट्सबर्ग, अमरीका से डॉक्टर ब्रह्मानंद शर्मा (एमडी, कार्डियोलॉजिस्ट)

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो