21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UTI Infection: बाथरूम नहीं किचन से फैल रहा UTIs, कहीं आप भी तो नहीं कर रहें ये गलतियां

नई रिसर्च में UTI Infection को लेकर जो बाते सामने आई हैं, वो आपको हैरान करने वाली हैं। संक्रमण का खतरा बाथरूम से कम किचन से ज्यादा है। जानें नए शोध में क्या जानकारी सामने आई है और आप इससे बचने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं।

3 min read
Google source verification

भारत

image

Rahul Yadav

Oct 29, 2025

UTI Infection Causes

UTI Infection Causes (Image: Freepik)

UTI Infection: क्या आपको भी लगता है कि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) सिर्फ बाथरूम की गंदगी, गंदे टॉयलेट सीट या पर्सनल हाइजीन की कमी से ही होता है? तो शायद आप गलत हो सकते हैं। जी हां! सही पढ़ रहे हैं आप, दरअसल इसको लेकर जो तथ्य सामने आए हैं आपको हैरान करने वाले हैं

एक नई रिसर्च के अनुसार, हर 5 में से एक UTI का कारण किचन की गंदगी और कच्चे मीट को गलत तरीके से रखने से है। इसका मतलब यह है कि असली खतरा, वाशरूम से कम बल्कि किचन के रखरखाव से ज्यादा है। चलिए जानते हैं नई रिसर्च में क्या सामने आया है और आप इससे कैसे इंफेक्शन होने से बचा सकते हैं।

क्या कहती है नई रिसर्च?

अमेरिका के mBio नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने 2017 से 2021 के बीच 5,700 से ज्यादा E. coli बैक्टीरिया के सैंपल इकट्ठा किए। कुछ UTI के मरीजों से और कुछ सैंपल स्थानीय बाजारों से खरीदे गए मांस (जैसे चिकन, टर्की, पोर्क और बीफ) से लिए गए।

इसका जो परिणाम निकलर आया वह हैरान करने वाला था। लगभग 18% UTI मामलों में वही E. coli स्ट्रेन मिले जो मांस में पाए गए थे, खासतौर पर चिकन और टर्की में ज्यादा देखा गया। यानी रसोई में मांस को गलत तरीके से रखना संक्रमण का बड़ा कारण बन रहा है।

रिसर्च के प्रमुख लेखक लांस बी. प्राइस का कहना है, ''UTI को अब सिर्फ एक परसनल हाइजीन की समस्या नहीं माना जा सकता है। यह खाद्य सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा भी है।''

कौन सा मांस सबसे ज्यादा खतरनाक?

रिसर्च में पाया गया कि चिकन और टर्की में संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा था। प्रतिशत के हिसाब से नीचे जानकारी शेयर की जा रही है।

चिकन: 38% नमूने संक्रमित

टर्की: 36% संक्रमित

बीफ: लगभग 14%

पोर्क: करीब 12%

इसका मतलब है कि अगर मांस पकाने या रखने में लापरवाही बरती गई, तो E. coli आपके शरीर तक आसानी से पहुंच सकता है।

किन लोगों को है ज्यादा खतरा?

रिसर्च में यह भी सामने आया कि कम आय (आर्थिक रूप से कमजोर) वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को 'फूड-बोर्न UTI' का 60% ज्यादा खतरा है। वहीं, महिलाएं और बुजुर्ग पहले से ही UTI के लिए ज्यादा सेंसिटिव माने जाते हैं। यही कारण है कि उनको सतर्क रहने की ज्यादा जरूरत है।

किचन में कैसे फैलता है UTI संक्रमण?

UTI संक्रमण के किचन में फैलने के कई कारण हो सकते हैं। कच्चे मांस को धोने या काटने के बाद हाथ ठीक से नहीं धोए जाते, या फिर वही चाकू और बोर्ड सब्जियां काटने में इस्तेमाल कर लिया जाए तो E. coli बैक्टीरिया आसानी से अन्य खाने में पहुंच सकता है। यहीं से यह कीटाणु शरीर में घुसकर पेशाब की नली तक पहुंचता है और फिर UTI का कारण बनता है।

UTI संक्रमण से बचाव के तरीके क्या हैं?

आपके किचन की सफाई ही इस संक्रमण से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।इससे बचने के लिए कुछ जरूरी बातें आदत में लाना जरूरी है।

  • अच्छे से हाथ धोएं: कच्चा मांस छूने से पहले और बाद में साबुन से हाथ को अच्छी तरह से धोएं।
  • मांस को अलग बर्तन रखें: मांस और सब्जियों को काटने के लिए अलग बोर्ड और चाकू का इस्तेमाल करें।
  • मांस को हमेशा अच्छी तरह पकाना चाहिए इससे उसमें मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। चिकन या टर्की को कम से कम 74°C (165°F) तक पकाएं, कीमा को लगभग 71°C (160°F) तक और बीफ या पोर्क को करीब 63°C (145°F) तक पकाना जरूरी है। यानि मांस अंदर से पूरी तरह पक जाना चाहिए और उसमें कोई कच्चा हिस्सा नहीं रहना चाहिए।
  • लीकेज से बचें: कच्चे मांस का पानी दूसरे खाने या फ्रिज की चीजों पर न गिरे।
  • साफ-सफाई रखें: मांस बनाने के बाद सिंक, बर्तन और रसोई को अच्छी तरह से साफ करें।