
What are the disadvantages of constipation problem, how to get rid of it
constipation : आज के समय में हर कोई व्यक्ति कब्ज की समस्या से परेशान है जिसके कारण व्यक्ति के पूरे शरीर में हमेंशा दर्द बना रहता है। आयुर्वेद की बात कि जाए तो कब्ज को विबंध कहा जाता है। कब्ज की समस्या का कारण पाचन तंत्र होता है। जब हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता है तब मल त्यागने में समस्या होने लगती है और फिर इस कारण कब्ज की समस्या हो जाती है।
कब्ज (constipation) के कारण शरीर के कई हिस्सों में दर्द होने लगता है जिसमें बदन दर्द, सिर दर्द, हाथ पैरों में दर्द जैसी समस्या होने लगती है। इस समस्या से पीड़ित लोगों को थकान, चक्कर आना, भुख न लगना और जी घबराने जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समस्या का सबसे बड़ा कारण भोजन में फाइबर की कमी, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज न करना और तनाव ग्रस्त रहना है।
शरीर में फाइबर का कम होना
खाने में फाइबर की मात्रा कम होने से कब्ज (constipation) की समस्या बढ़ जाती है। फाइबर युक्त भोजन जैसे साबुत अनाज, फल और सब्जियां मल को नरम बनाते हैं और आंतों से गुजरने में मदद करते हैं।
शरीर में पानी का कम होना
रोजाना पर्याप्त पानी नहीं पीने से मल सूखा और कठोर हो सकता है, जिसके कारण पेट साफ होने में दिक्कत होती है। पानी मल को नरम रखने में सबसे अहम भूमिका निभाता है।
एक्सरसाइज नहीं करना
एक्सरसाइज न करने पर शरीर में जकड़न भी हो जाती है। रोजाना एक्सरसाइज करने से आंतों की गतिशीलता बढ़ती है, जिससे कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।
ज्यादा दवाइयों का सेवन
ज्यादा दवाइयों का सेवन करने से भी कब्ज (constipation) की समस्या हो सकती है। कुछ पाचन तंत्र की समस्याएं जैसे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से कॉन्स्टिपेशन होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
21 Sept 2024 05:00 pm
Published on:
21 Sept 2024 04:59 pm
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