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जानिए कितने तरह का होता है डेंगू का बुखार किन जांचों से होती है इसकी पहचान

कोरोना महामारी के बाद डेंगू बुखार इन दिनों देश के कई राज्यों में फैला हुआ है देश की राजधानी दिल्ली से लेकर यूपी एमपी सहित अन्य राज्यों में लगातार डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं. |कई लोगों की तो इस बीमारी ने जान भी ले ली है. डेंगू की बीमारी मच्छरों के काटने से होती है |मलेरिया की तरह ही डेंगू का वायरस भी साफ पानी में पनपता है डेंगू के बुखार को तीन कैटेगरी में रखा जाता है. डेंगू के लक्षणों के दिखाई देने पर समय रहते ही जांच कराने के बाद |

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जानिए कितने तरह का होता है डेंगू का बुखार

नई दिल्ली डेंगू बुखार के मामले पिछले कुछ वक्त में काफी तेजी से बढ़े हैं देश के कई राज्यों में बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज अब तक मिल चुके हैं | मादा एडीज मच्छर के काटने के बाद लगभग 5 दिनों के भीतर डेंगू बुखार के लक्षण नजर आने लगते हैं. इसके साथ ही शरीर में इस बीमारी के पनपने का वक्त 3 दिनों से लेकर 10 दिनों तक का भी हो सकता है. डेंगू के मच्छर दिन के वक्त ही काटते हैं |

डेंगू बुखार के प्रकार

1 . क्लासिकल डेंगू बुखार ये डेंगू का पहला बुखार का प्रकार होता है ये | ये बुखार मरीज को 5 से 7 दिन तक रह सकता है. इसके बाद मरीज दवाइयों से ही ठीक हो जाता है

2. डेंगू हेमरेजिक डेंगू के बुखार का दूसरा रूप होता है जिसे हेमरेजिक फीवर कहते हैं |इसमें साधारण डेंगू के बुखार के लक्षणों के साथ कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं. इसका पता ब्लड टेस्ट कराने से लग सकता है. अगर निम्न लक्षण नजर आए तो डेंगू हेमरेजिक बुखार हो सकता है.

3. डेंगू शॉक सिंड्रोम ये फीवर का तीसरा शक्ल होता है जिसे डेंगू शॉक सिंड्रोम फीवर कहते हैं | इस में बुखार के लक्षणों के अलावा शॉक की स्थिति जैसे कुछ लक्षण भी नजर आते हैं इन लक्षणों पर तत्काल डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए. डेंगू के इन तीनों लक्षणों में डेंगू हेमरेजिक और डेंगू शॉक सिंड्रोम ज्यादा खतरनाक होते हैं. अगर निम्न लक्षण नजर आए तो ये डेंगू शॉक सिंड्रोम हो सकता है |

इन जाँचों से होती है की डेंगू की पहचान

1. एनएस1 टेस्ट – मरीज में अगर डेंगू के लक्षण नजर आ रहे हैं तो 5 दिनों के भीतर इस टेस्ट को कराना सही माना जाता है. अगर पांच दिन से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद इस टेस्ट को कराया जाता है तो इस जांच के परिणाम गलत भी आ सकते हैं.


2. एलाइज़ा टेस्ट – डेंगू की ये जांच ज्यादा भरोसेमंद मानी जाती है. आमतौर पर इस जांच में डेंगू का परिणाम लगभग सौ फीसदी सही आता है. एलाइज़ा टेस्ट दो तरह के होते हैं जो कि आईजीएम और आईजीजी कहलाते हैं. डेंगू के लक्षण नजर आने पर आईजीएम टे्सट को 3 से 5 दिन के भीतर कराना सही रहता है, वहीं आईजीजी को 5 से 10 दिन के अंदर कराना ज्यादा सही माना जाता है.