
Hepatitis
Hepatitis : इंसान का जीवन बीमारियों से लड़तें हुए गुजर जाता है। हर साल बीमारियों के कारण लाखों लोग अपनी जान गवां देते हैं। हेपेटाइटिस की बात की जाए तो साल 2016 में एफडीए ने एंटीवायरल दवा सोवाल्डी को मंजूरी दी थी। जिस को लेकर WHO 2030 तक हेपेटाइटिस के दो प्रकार बी और सी को खत्म करने का लक्ष्य रखा। लेकिन नए आंकडों की बात कि जाए तो इसमें 90 प्रतिशत संक्रमण हुए है और 65 प्रतिशत मौतों में वृद्धि देखने को मिली है।
हेपेटाइटिस लीवर में होने वाला एक इंफेक्शन है। हेपेटाइटिस (Hepatitis) होने पर लीवर में में सूजन आ जाता है। ऐसा होन पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। क्योंकि ऐसा होने पर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हेपेटाइटिस में 5 प्रकार के वायरस होते हैं। जिसमें बी और सी को सबसे घातक माना जाता है। हेपेटाइटिस बी और सी शरीर में तरल पदार्थों के संपर्क में आने फैलता है। ये सूईयों और शारीरिक संबंध बनाने से भी होता है। हेपेटाइटिस बी शरीर में पहुंचता है तो वो डीएनए में जमा हो जाता है। जिसकी वजह से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इसे खोज नहीं पाती और ये शरीर में ही रह जाता है।
हेपेटाइटिस बी फाउंडेशन की अध्यक्ष चारी कोहेन का कहना है कि इन बीमारियों को खत्म करने में कई बाधाएं सामने आ रही हैं। जिसमें सबसे ज्यादा समस्याएं अफ़्रीका और दक्षिण एशिया में आती हैं। उनका कहना है कि हमने हेपेटाइटिस सी का इलाज तो खोज लिया है लेकिन बी की खोज अभी जारी है।
रिपोर्टस कहती है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो 2040 तक वैश्विक स्तर पर HIV और मलेरिया से ज्यादा हेपेटाइटिस से मौतें देखने को मिलेंगी।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
03 Sept 2024 03:46 pm
Published on:
03 Sept 2024 10:40 am
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