
Allergy and Asthma increases in Monsoon season (फोटो सोर्स: AI Image@Gemini)
Why Allergy Increases in Monsoon season : बारिश के मौसम में हर तरफ हरियाली, मिट्टी की सौंधी खुशबू और गर्मी से राहत लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सुहाना मौसम कई लोगों के लिए परेशानी का सबब भी बन जाता है? हम बात कर रहे हैं एलर्जी (Allergy) और अस्थमा (Asthma) के मरीजों की। डॉ. शिवानी स्वामी (पल्मोनोलॉजी, एलर्जी और स्लीप मेडिसिन) बताती हैं कि इस मौसम में या तो लोग पहली बार इन बीमारियों की चपेट में आते हैं या जिनके पुराने लक्षण थे वे फिर से जोर पकड़ लेते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है?
डॉ. शिवानी स्वामी के अनुसार बरसात में एलर्जी और अस्थमा के बढ़ने के पीछे कुछ खास वजहें हैं:
हवा में नमी का तूफान: बारिश में हवा में नमी (ह्यूमिडिटी) बहुत बढ़ जाती है। यह नमी एलर्जी पैदा करने वाले छोटे-छोटे कणों जिन्हें 'एलर्जन' कहते हैं को और भी ज्यादा सक्रिय कर देती है।
फफूंदी और फंगस का राज: घरों में जहां भी थोड़ी सी भी सीलन या नमी होती है वहां फफूंदी और फंगस तेजी से पनपने लगते हैं। ये फंगस हवा में अपने कण छोड़ते हैं जो सांस लेने पर एलर्जी को ट्रिगर करते हैं।
हाउस डस्ट माइट्स की सेना: ये छोटे-छोटे कीड़े (जो हमें दिखते भी नहीं) हमारे घरों में, खासकर गद्दों, तकियों, पर्दों, बिस्तरों और कालीनों में खूब पनपते हैं। बारिश की नमी इन्हें और बढ़ावा देती है और ये अस्थमा व एलर्जी के सबसे आम कारणों में से एक हैं।
अच्छी खबर यह है कि डॉ. शिवानी स्वामी कुछ आसान और कारगर तरीके बताती हैं जिनसे आप इस मौसम में अपनी और अपने परिवार की सेहत का ध्यान रख सकते हैं:
- अगर घर में कहीं भी सीलन या फफूंदी दिखती है, तो तुरंत उसकी मरम्मत और पेंटिंग करवा लें। यह फंगस को फैलने से रोकेगा।
- भारी पर्दे या मोटे कालीन का इस्तेमाल कम करें। ये धूल और नमी को रोककर रखते हैं।
- हल्के सूती पर्दे लगाएं और उन्हें नियमित रूप से धोते रहें।
- अपने गद्दे, तकिए, चादरें, बिस्तर की चीजें, कालीन और सोफे को हफ्ते में कम से कम एक बार वैक्यूम क्लीनर से अच्छे से साफ करें।
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- अपने चादरें और तकिए के कवर हर 3-4 दिन में जरूर बदलें।
- हमेशा सूती चादर और तकिए के कवर का ही इस्तेमाल करें क्योंकि ये एलर्जी को कम करने में मदद करते हैं और हवा आर-पार जाने देते हैं।
- बारिश के मौसम में खासकर सुबह या शाम को जब हवा में नमी ज्यादा हो तो बाहर निकलने से बचें।
- अगर बाहर जाना बहुत जरूरी हो तो मास्क जरूर पहनें। मास्क हवा में मौजूद एलर्जेंस को सीधे आपकी सांस की नली में जाने से रोकेगा।
डॉ. शिवानी स्वामी एक बेहद महत्वपूर्ण सलाह देती हैं: जो मरीज पहले से दवाइयां ले रहे हैं वे उन्हें नियमित रूप से लेते रहें। कई बार लक्षण कम होने पर लोग खुद ही दवा बंद कर देते हैं जो कि खतरनाक हो सकता है। अगर लक्षण फिर से बढ़ें तो बिना देर किए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉ. शिवानी ने कहा, याद रखें बरसात में थोड़ी सी सावधानी और सही समय पर इलाज करके आप एलर्जी और अस्थमा जैसी समस्याओं को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं। अगर आपको या आपके किसी परिजन को सांस लेने में दिक्कत, लगातार छींकें, आंखों में खुजली या खांसी जैसी परेशानी हो तो देर बिल्कुल न करें और तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। आपकी छोटी सी सावधानी एक बड़ी परेशानी से बचा सकती है।
Updated on:
20 Jul 2025 02:58 pm
Published on:
20 Jul 2025 02:04 pm
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